‘संजीवनी’ बना बगिया कैंप: तीन साल पुरानी पीड़ा को मिला न्याय का मरहम

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नीरज गुप्ता संपादक हरितछत्तीसगढ़

जशपुरनगर। तीन साल पहले एक दर्दनाक हादसे में कुएं में डूबने से जान गंवाने वाले एक व्यक्ति के परिजनों को आखिरकार न्याय मिल ही गया। मृतक के परिजन क्रांति नायक, निवासी ऊपर कछार, तहसील फरसाबहार, ने मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय, बगिया में अपनी पीड़ा और समस्या को रखी थी। मुख्यमंत्री तक यह बात पहुंचते ही मामले पर त्वरित संज्ञान लिया गया, जिसके बाद तीन वर्षों से लंबित मुआवजा राशि 4 लाख रुपए जारी की गई।परिवार के अनुसार, हादसे के बाद से वे लगातार मुआवजा राशि की मांग कर रहे थे, लेकिन कई प्रयासों के बावजूद उन्हें कोई संतोषजनक समाधान नहीं मिल पा रहा था।

अंततः जब मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने जनता से सीधे संवाद और समस्याओं के समाधान हेतु बगिया को मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय के रूप में सक्रिय किया, तब क्रांति नायक ने वहां अपनी समस्या प्रस्तुत की।मुख्यमंत्री कार्यालय की पहल पर संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश दिए गए, और प्रशासन की तत्परता से मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता राशि प्रदान की गई। मुआवजा मिलने के बाद पीड़ित परिवार ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि, “बगिया कैंप कार्यालय हमारे जैसे आम लोगों के लिए एक संजीवनी साबित हो रहा है।इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय, बगिया आमजन की समस्याओं के समाधान के लिए न केवल संवेदनशील है, बल्कि तत्काल और प्रभावी कार्यवाही भी सुनिश्चित कर रहा है।मुख्यमंत्री की यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों के पीड़ितों और जरूरतमंदों के लिए आशा की किरण बनकर उभरी है।

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