इस विवाद ने कभी विधायक रामपुकार सिंह को आने से रोका तो अब विधायक गोमती साय भी नहीं पहुंची,, जाने क्या है मामला
महासभा पर लगी रोक ,भड़के लोगों ने दोहरे पंजीयन कराने का लिया निर्णय
जशपुर।छत्तीसगढ़ प्रदेश के महाकुल यादव समाज सेवा समिति का विवाद कुछ सालों से खुलकर सामने आ गया है समिति के सदस्यों के मध्य उपजे विवाद की स्थिति यह हो चुकी है कि बार-बार महासभा के आयोजन पर आरोप प्रत्यारोप लगाकर आयोजन पर रोक लग जाता है।वर्ष 2022 में जहां महासभा के आयोजन में मुख्य अतिथि के तौर पर तत्कालीन विधायक रामपुकार सिंह को आमंत्रित किया गया था लेकिन उनके मध्य उपजे विवाद की वजह से रामपुकार सिंह शामिल नहीं हो सके वही इस वर्ष 19 अक्तूबर को आयोजित महासभा में पत्थलगांव विधायक श्रीमती गोमती साय को आमंत्रित किया गया था परंतु इस बार भी महासभा के विवाद की वजह से विधायक गोमती से शामिल नहीं हो सकी। इसके बाद महासभा का विवाद को लेकर आमजन चर्चा व्याप्त है। बता दे कि महासभा का पंजीयन क्रमांक 122201947148 है जिसके प्रदेशाध्यक्ष गणेश यादव प्रांताध्यक्ष डमरूधर यादव समेत अनेकों सदस्य शामिल है। पूरे के वर्षों में आयोजित महासभा में विवाद ईतना बढ़ गया था कि पुलिस एवं प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ गया था इस बार भी यही स्थिति निर्मित होने लगी थी। अब महासभा में दो फाड़ जैसी स्थिति निर्मित हो गई है।
बता दे कि जशपुर जिले के पत्थलगांव लाखझार में स्थित केंद्रीय भवन प्रांगण लाखझार में 19/10/24 को महासभा होना था, जिसे महाकुल यादव समाज सेवा समिति सोसाइटी के अध्यक्ष गणेश यादव के द्धारा जिला प्रशासन को आवेदन देकर रोक लगा दिया गया जिसके बाद दूसरे पक्ष के लोग भड़क गए और बैठक आयोजित कर दोहरे पंजीयन कराने का निर्णय ले लिया,उपस्थित लोगो द्वारा दोहरे पंजीयन कराने की ज़िम्मेदारी के साथ साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश में समाज का नेतृत्व हेतु तीन लोगों का चयन किया गया जिसमें प्रदेश अध्यक्ष के पद हेतु श्री डमरूधर यादव , प्रदेश महासचिव पद हेतु श्री टी.आर. बारीक एवं प्रदेश कोषाध्यक्ष पद हेतु डाँ॰ करूँणा यादव का सर्व सहमति पर चयन किया गया प्रदेश के अन्य पदों का चयन एवं विस्तार पंजीयन की कार्यवाही उपरांत महासभा आयोजन कर किये जाने का निर्णय लिया गया। बहरहाल महासभा को लेकर उपजे विवाद में एक पक्ष द्वारा दोहरे पंजीयन करने के निर्णय के बाद दूसरा पक्ष क्या कदम उठाता है यह देखना लाजमी होगा।