अग्रणी नेतृत्व एवं दूरदृष्टि सोच से बदलता जशपुर, मिलेंगे विकास के नए पँख,मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय प्राधिकरण की बैठक में दे सकते हैं बड़ी सौगातें,रोडमैप बनकर तैयार
आगामी 22 अक्टूबर को सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक मयाली नेचर कैंप, कुनकुरी में होने जा रही है जो कि जशपुर के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी बैठक होगी। इस बैठक में छत्तीसगढ़ सरकार की पूरे कैबिनेट के शानिल होने की संभावना है । इस बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय करेंगे, जबकि उपाध्यक्ष श्रीमती गोमती साय, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विजय शर्मा, वित्त मंत्री ओपी चौधरी सहित 29 कैबिनेट सदस्य इसमें शामिल होंगे। इस महत्वपूर्ण बैठक में 20 आला अधिकारियों को भी विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है, जो बैठक के दौरान उपस्थित रहेंगे।
यह बैठक पूरे सरगुजा संभाग के लिए कई मायनों में ऐतिहासिक साबित हो सकती है। विभिन्न शासकीय और राजनैतिक सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री का गृहजिला जशपुर है और कुनकुरी उनकी विधानसभा सीट है, इस कारण इस बैठक में पूरे सरगुजा के साथ जशपुर के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। जिला कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल ने मुख्यमंत्री की मंशानुरूप एक व्यापक विकास मॉडल तैयार किया है, जिस पर कई योजनाओं पर काम पहले से चल रहा है। हाल ही में इसी विकास के मॉडल के अनुसार मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल के प्रयासों से पर्यटन विभाग, भारत सरकार ने मयाली को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने हेतु 10 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। मयाली के निकट स्थित मधेश्वर पहाड़, जिसे विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग के रूप में जाना जाता है, इस क्षेत्र का प्रमुख आकर्षण है। इस बैठक में मयाली को और अधिक विकसित करने के लिए राज्य सरकार से अतिरिक्त फंडिंग मिलने की संभावना जताई जा रही है।
यह बैठक पूरे सरगुजा संभाग के विकास के लिए एक बड़ी पहल साबित हो सकती है। मयाली के निकट से ही भारतमाला सड़क परियोजना गुजरेगी, जिससे इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी और बेहतर होगी। इसके अलावा, मेडिकल कॉलेज और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स की भी योजना पर तेजी से काम हो रहा है, जिससे स्वास्थ्य और खेल सुविधाओं का विकास होगा। आने वाला समय में मयाली जशपुर के बड़े पॉश इलाके के रूप के विकसित हो सकता है ।
शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पानी और रोजगार के क्षेत्रों में सरगुजा को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल अपने प्रशासनिक अमले के साथ लगातार काम कर रहे हैं। उनके इन प्रयासों का सीधा लाभ सरगुजा क्षेत्र की जनता को मिल रहा है। उम्मीद की जा रही है कि यह पूरे संभाग में विकास की एक नई धारा प्रवाहित करेगी।
मुख्यमंत्री की इच्छानुसार कलेक्टर, एसपी और वनमंडलाधिकारी मयाली नेचर कैंप का संपूर्ण कायाकल्प करने में जुटे हुए हैं। मयाली नेचर कैंप के भीतर पर्यटक हट, पैगोडा की सजावट को और भव्य किया गया है। डेम के सामने एक बड़ा डोम बनाया गया है, जहां यह ऐतिहासिक बैठक आयोजित होगी। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री और कैबिनेट के सदस्य बोटिंग का आनंद भी लेंगे, जिसके लिए कोरबा के बांगो डेम से विशेष स्टीमर मंगवाए गए हैं।
पारंपरिक परिधान में सजीं आदिवासी महिलाएं आगंतुकों का स्वागत करेंगी। मयाली डेम के दूसरे छोर पर सेल्फी पॉइंट भी बनाया जा रहा है, जबकि चट्टानों पर 40 कलाकारों द्वारा कलेक्टर के निर्देशानुसार थीम पर आधारित कलाकृतियां बनाई जा रही हैं।
बैठक स्थल के आसपास हेलीपैड बनाए गए हैं और वीवीआईपी और वीआईपी की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। एसपी शशिमोहन सिंह रोजाना सुरक्षा तैयारियों का जायजा ले रहे हैं। साथ ही, वन विभाग ने जंगली हाथियों को जंगल के भीतर रोकने के लिए भी विशेष प्रबंध किए हैं।
इस महाबैठक को सफल बनाने के लिए कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल और एसपी ने पूरी ताकत झोंक दी है। यह बैठक न केवल सरगुजा के विकास को गति देगी, बल्कि एक नए मॉडल के रूप में प्रस्तुत होगी कि किस प्रकार संभावित पर्यटन क्षेत्रों को विकसित कर रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकते हैं
यह भी ध्यान देने की बात है कि किस प्रकार एक कलेक्टर की सोच ने, चार दिवारी में बैठ कर हो सकने वाली मीटिंग को, एक ऐसी जगह कराने की चुनौती ली, जो संभावित पर्यटन क्षेत्र तो है पर सुविधाओं से दूर है। एक सफल बैठक मयाली की कायाकल्प करने के किए काफ़ी है । डॉ. रवि मित्तल के नेतृत्व में जशपुर और समूचा सरगुजा संभाग विकास की एक नई दिशा की ओर अग्रसर है।