बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों के लिए बीच का रास्ता निकाले राज्य सरकार…. छग प्रधान पाठक मंच ने मुख्यमंत्री एवं राज्य सरकार को लिखा पत्र….
बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों के लिए बीच का रास्ता निकाले राज्य सरकार….
छग प्रधान पाठक मंच ने मुख्यमंत्री एवं राज्य सरकार को लिखा पत्र….
रायपुर //-
बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों को छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक मंच ने अपना समर्थन दिया है। मंच के प्रदेश अध्यक्ष जाकेश साहू ने इस विषय पर राज्य सरकार को पत्र लिखकर मांग किया है कि बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों को नौकरी से निकालना किसी भी स्थिति में उचित नहीं है।
चूंकि ये सभी शिक्षक भाई बहन छत्तीसगढ़ के मूल निवासी, किसान पुत्र और हमारे अपने ही लोग है। ये सभी लोग विगत दो सालों से नौकरी कर रहे हैं। सब के परिवार हैं, बाल बच्चे हैं, कई शिक्षकों का सगाई टूट रहा है। कई शिक्षकों के माता-पिता परेशान हैं। कई प्रकार की समस्याएं हैं।नौकरी मिलना आजकल काफी मुश्किल है।
सभी ने पढ़ाई लिखाई की है। 12 वीं के बाद बीए किया है, और बीएड किया है। सभी लोग प्राथमिक शालाओं को पढ़ने में सक्षम है। क्योंकि पूर्व में ऐसे कई नियम रहे हैं जिसमें बिना बीएड/डीएड के सिर्फ 12वीं पास अभ्यर्थियों को शिक्षक बनाया गया है।
राज्य शासन द्वारा समय-समय पर नियमों में बदलाव करते रहते हैं। नीति नियोक्ताओं व नीति निर्माताओ के बीच में नियम कानून में फंसा कर या नियमों में उलझा कर इन शिक्षकों की बर्खास्तगी करना पूर्णता गलत है।क्योंकि पूर्ववर्ती राज्य सरकार ने जो नियम बनाया था उसी नियमों के तहत इन शिक्षकों की भर्ती हुई है।
“छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक मंच” के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष परस राम निषाद, जिलाध्यक्षद्वय पुरुषोत्तम शर्मा, परमेश्वर साहू, महेश्वर कोटपरहिया, महेंद्र टंडन, बरत राम रत्नाकर, निर्मल भट्टाचार्य, धन्नू साहू, उत्तम कुमार जोशी, एवं प्रदेश, जिला व ब्लाक पदाधिकारीगण उज्जवल चंद्रा, अभिमन्यु बघेल, रंजिता बरेठ, राजूकुमार संवरा, मयाराम सतरंज, ईशा नायक, राधेश्याम चंद्रा, यशवंती, धीवर, मनीराम केंवट, सुन्दर साहू, पुष्पेन्द्र बनाफर……
……..नरेशचंद्रा, दादूलाल चंद्रा, मुकेश नायक, धर्मेंद्र रजक, गुणक चौधरी, रंजीत गुप्ता, सगुन तिवारी, गणपत राव, राधेश्याम धीवर, राजेश पाठक, अजित नेताम, विजेंद्र पाठक, श्याम केंवट, सुजाता त्रिपाठी, अजय भट्ट, कुमार पाठक, त्रिवेणी राजपूत, नामदेव सिंह आदि ने राज्य सरकार से मांग किया है की बीएड डिग्री धारी सहायक शिक्षकों के लिए सरकार बीच का रास्ता निकाले तथा जितनी जितनी इनकी संख्या है उतनी ही संख्या में इनके लिए पद सृजित कर इनको या तो शासन द्वारा डीएड का कोर्स कराया जाए या फिर इन्हें इनके लिए अन्य रास्ता निकाला जाए। लेकिन इन्हें नौकरी से निकलना किसी भी स्थिति में सही नहीं है।