Kota-Updete:-“बने चाहे दुश्मन जमाना हमारा-सलामत रहे दोस्ताना हमारा”…पिछले 53-साल की अटूट दोस्ती….27-सालों से हर मकर-संक्रांति पर अमरकंटक-यात्रा पर रहती है:–इन दोस्तो की टोली।
Kota-Updete:-“बने चाहे दुश्मन जमाना हमारा-सलामत रहे दोस्ताना हमारा”…पिछले 53-साल की अटूट दोस्ती….27-सालों से हर मकर-संक्रांति पर अमरकंटक-यात्रा पर रहती है:–इन दोस्तो की टोली।–
कोटा-नगर के नामी-गिरामी कारोबारी-सामाजिक-कार्यो सहित राजनीति के क्षेत्र में सक्रियता बनाए हुए है…नाम तो सुना ही होगा।
हरितछत्तीसगढ़ दोस्ती-विशेषांक-विशेष…अगर आपकी दोस्ती के कोई अनछुये पल है..मेल-फीमेल हरित छत्तीसगढ़ करेगा प्रकाशित।
दिनांक:-30/01/2024
मोहम्मद जावेद खान हरित छत्तीसगढ़।।
करगीरोड-कोटा:-ये दोस्ती हम नही तोड़ेंगे…बने चाहे दुश्मन जमाना हमारा सलामत रहे दोस्ताना हमारा दोस्ती को लेकर बॉलीवुड में नए-पुराने नगमे आपको सुनने को मिलेंगे दोस्ती को लेकर कुछ दर्द भरे नगमे भी बने है..दोस्त व दोस्ती को लेकर आप पाठकों को हम कोई नगमे नही सुना रहे हैं..न ही 03-घण्टे कोई फिल्मी पर्दे की दोस्ती की स्टोरी को आपको सुनाने का काम कर रहे हैं..फिल्मी रील स्टोरी नही बल्कि रियल वाली दोस्तो की स्टोरी आपको बता रहे..जो कि पिछले 27-सालों से दोस्ती के मज़बूत धागों से बंधे हुए हैं, स्कूल-कालेज से लेकर घर-गृहस्थी-कारोबार करने तक पिछले 53-साल से इनकी दोस्ती बरकरार है..पिछले 27-सालों से हर मकर-संक्रांति के अवसर पर नर्मदा जी की धार्मिक-नगरी अमरकंटक-धाम जाने वाले कोटा नगर के सुभाष अग्रवाल, अरुण चौहान, सुभाष अग्रवाल (किराना-दुकान) सुनील गुप्ता, फूलचंद अग्रहरि, स्व:मुरारी सोनी जी जो की अब इस दुनिया मे नही है..पर उनकी दोस्ती इन सभी दोस्तों के बीच अभी भी कायम है।
आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में घर परिवार कारोबार के बीच समय निकालना काफी मुश्किल होता है..कई बार दोस्तो से बात मुलाकात करना भी मुश्किल हो जाता है, बावजूद इसके हर नए-वर्ष के 14/15-जनवरी मकर संक्रांति के दिन इन सभी दोस्तों की टोली आपको अमरकंटक (मध्यप्रदेश) में दिखाई देगी, अमरकंटक धाम जो कि एक धार्मिक नगरी है, जहा की मकर-संक्रांति के दिन नर्मदा स्नान करने काफी जगहों से लोगो का जत्था पहुचता है, पूजा-पाठ स्नान के बाद इन दोस्तो की पूरी टोली पिकनिक मनाने के लिए निकल जाती है, शाम रात होते-होते इन सभी दोस्तों की टोली वापस कोटा के लिए निकल जाती है..पिछले 27-सालों से ये दोस्तो की टोली की आवाजाही निरंतर जारी है।
53-साल की अटूट दोस्ती वर्तमान में भी जारी है:—
इन दोस्तो की टोली में शामिल लोगों को कोटा-नगर सहित आसपास के इलाके के लोग परिचित भी है..सुभाष अग्रवाल जी कारोबारी है, समाजिक कार्य मे अग्रसर रहते है..सुभाष अग्रवाल जी प्रसिद्ध किराना व्यपारी है..अरुण चौहान इलेक्ट्रॉनिक-उपकरणों की दुकान चलाते है..अरुण चौहान कला-संस्कृति से जुड़े व्यक्ति है..एक समय राज-कला-मंदिर से जुड़े हुए थे 25-दिसंबर से 31-दिसंबर के बीच कोटा के गांधी सभा भवन में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में इनकी मुख्य भूमिका होती थी, सुनील गुप्ता नगर पंचायत में अधिकारी के रूप में पदस्थ रहे..रिटायरमेंट होने के बाद वर्तमान मे समाजिक कार्यो में सक्रिय रहते हैं..फूलचंद अग्रहरि कोटा नगर का जाना पहचाना नाम है समाजिक कार्य हो या फिर जनहित के कार्य या फिर खेलकूद-प्रतियोगिता या सांस्कृतिक कार्यक्रम हो या फिर नगर दशहरा समिति के कार्य हो हर जगह इनकी उपस्थिति आपको दिखाई देगी..शासकीय कर्मचारी रह चुके फूलचंद अग्रहरि वर्तमान मे रिटायरमेंट हो चुके है, और वर्तमान में राजनीति के क्षेत्र में काफी ज्यादा सक्रिय हो चुके हैं, अच्छे वक्ता भी है, एक बार माइक हाथ मे आते ही जल्दी से छोड़ते नही है..पूरी राम कहानी सुनाकर ही मानते है, इन दोस्तो के बीच एक और मिलनसार शानदार व्यक्तित्व के धनी स्व: मुरारीलाल जी सोनी जिनका की कुछ वर्ष पूर्व देहांत हो चुका है..पर इन दोस्तो की टोली में इनका नाम पूरे सम्मान-आदर के साथ लिया जाता है..भले ही स्व:मुरारी लाल सोनी जी इस दुनिया मे नही है..पर इन दोस्तो की टोली के बीच उनकी यादे हमेशा जिंदा रहेगी..हर मकर संक्रांति पर स्व:सोनी जी को इन दोस्तो की टोली बहुत मिस करती हैं।
चलते चलते उन दोस्तो के लिए दो लाइन जिनकी दोस्ती वर्तमान में जारी है..हो सकता है..कुछ दोस्तों की कमी उन दोस्तो को खल रही भी हो जो इस दुनिया मे न हो “कुछ भी नही रहता दुनिया मे लोगो रह जाती है..दोस्ती जिंदगी का नाम दोस्ती..दोस्ती का नाम जिंदगी”।