*रेलवे स्टेशन मैदान से नगर के मुख्य मार्गो से होते हुए रैली डीकेपी स्कूल मैदान में आमसभा में तब्दील हो जाएगी।
*रैली में 2 से 3 हजार श्रमिक शामिल होंगे छत्तीसगढ मुक्ति मोर्चा अध्यक्ष भीमराव बागड़े ने प्रेस वार्ता के दौरान जानकारी दी पत्रकारो।

**दिनांक:-28/09/2025**मोहम्मद जावेद खान हरित छत्तीसगढ।।**करगीरोड-कोटा:-छत्तीसगढ़ मुक्ति-मोर्चा के संस्थापक कामरेड स्व: शंकर गुहा नियोगी के 34 वे शहादत दिवस के मौके छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के मौजूदा अध्यक्ष कामरेड भीमराव बागड़े के नेतृत्व में 28-सितंबर 2025-दिन रविवार सुबह 09 बजे करगीरोड रेलवे स्टेशन के पास वाले मैदान में एकत्रित होकर 11 बजे के लगभग रैली के शक्ल में नगर भ्रमण करते हुए नगर के मुख्य मार्गो से होते हुए जय स्तंभ नाका चौंक से राममंदिर चौंक होते हुए डीकेपी स्कूल मैदान में आमसभा में तब्दील हो जाएगी..सभा को छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ वक्ताओं के अलावा स्थानीय प्रतिनिधिगण तथा अन्य जनसंगठनों के प्रतिनिधि संबोधित करेते हुए जिला प्रशासन के मातहत अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपेंगे उक्त कार्यक्रम में वेलकम डिस्टलरी के मजदूरों के अलावा बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग राजनांदगांव, कबीरधाम, बालोद आदि जिलों के लगभग 2 से 3 हजार श्रमिक शामिल होंगे उक्त सभी बाते छत्तीसगढ मुक्ति मोर्चा के मौजूदा अध्यक्ष भीमराव बागड़े द्वारा शनिवार 27 सितम्बर को कोटा प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता के दौरान उपस्थित पत्रकारों को बताई।**कौन है..कामरेड शंकर गुहा नियोगी:–**छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के संस्थापक कामरेड शंकर गुहा नियोगी मजदूरों के नेता थे, 28 सितंबर 1991 को श्रमिकों के एक आंदोलन के दौरान भिलाई हुडको कार्यालय में सोते हुए उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी शंकर गुहा-नियोगी हत्याकांड में सीबीआई द्वारा भिलाई के उद्योगपति मूलचंद शाह सहित 9 लोगों को आरोपी बनाया था जहां पर दुर्ग सेशनकोर्ट द्वारा आरोपी पलटन मल्लाह को फांसी तथा दो उद्योगपति सहित तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी..जिसके बाद फैसले के बाद उक्त आरोपियों द्वारा हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी..जिस पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस पूरे आदेश को पलटते हुए मात्र एक आरोपी पलटन मल्लाह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई उक्त प्रकरण के फैसले से असंतुष्ट छत्तीसगढ मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष भीमराव बागड़े सहित बाकी सदस्यों के द्वारा इसकी पुनः से जांच लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड रिटायर्ड न्यायाधीश से दोबारा जांच कराए जाने की मांग को लेकर देश के राष्ट्रपति से निवेदन किया गया है..जिस पर छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्य सचिव को निर्देशित किया गया, किंतु मौजूदा राज्य सरकार द्वारा जांच नहीं कर रही है..

स्व: नियोगी जी ने अपने हत्या के पूर्व ऑडियो कैसेट रिकॉर्डिंग में ये दावा किया था..की मेरी जान के पीछे केडिया व मूलचंद साहब पड़े हुए हैं, सीबीआई द्वारा दुर्ग सेशन कोर्ट में पेश की गई किंतु केडिया को आरोपी नहीं बनाया गया इसलिए बाकी उद्योगपतियों को बरी होने का मौका मिल गया।* *
44-श्रम कानून बने हुए थे मात्र 04 श्रम कोड बचे हुए हैं:-
–**मौजूदा अध्यक्ष कामरेड भीमराव बागड़े ने केंद्र सहित राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मजदूरों के हितों के लिए 44-श्रम कानून बने हुए थे..पर मौजूदा केंद्र व राज्य सरकार द्वारा कॉर्पोरेट घरानों के हितों के लिए श्रम कानून को समाप्त करते हुए मात्र चार श्रम कोड बनाए हैं, जो कि पूरे देश के मजदूरों को गुलामी की ओर धकेला जा रहा है, 08-घंटे की ड्यूटी कानून में था..उसे 12 घंटे कर दिया गया, महिलाओं को शाम 6:00 बजे के बाद किसी भी कारखाना या गोदाम में काम करना वर्जित था, उसे भी छूट दे दी गई.. सरकार रोजगार देने के बजाय लोगों को बेरोजगार कर रही है छत्तीसगढ़ के उद्योगों में श्रम विभाग के अधिकारियों द्वारा समय समय पर जांच की जा की जाती थी,पर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा रोक लगा दी गई मौजूदा समय में बिना अनुमति के लेबर अफसर किसी भी उद्योग की जांच नहीं कर सकते एक प्रकार से सरकार ने श्रम विभाग को पंगु बना दिया है।**पूरे 12 महीने चलने वाला कार्य ठेका श्रम अधिनियम की धारा 10 के अनुसार रेगुलर करने का प्रावधान है किंतु उद्योगपति ठेका सिस्टम को बढ़ावा दे रहे हैं जो कि कानून गलत है..उसे पर रोक लगनी चाहिए सरकार का कानून है..किसी भी कंपनियों में 85% स्थानीय मजदूर तथा 15% टेक्निकल बाहरी कर्मचारियों को भर्ती किया जा सकता है,चाहिए.. शासन के नियमानुसार भुगतान किया जाना चाहिए अटल बिहारी विश्वविद्यालय कोनी में सफाई व गार्ड पुराने कर्मचारियों को हटाकर 50-50 हजार रुपए घूस लेकर नया भर्ती किया जा रहा है,जिस पर लिखित शिकायत हो चुकी है, प्रशासन द्वारा कार्रवाई होनी चाहिए मानसिक चिकित्सालय सेंदरी बिलासपुर के कर्मचारियों को श्रम विभाग की मिलीभगत से न्यूनतम वेतन कम वेतन मिल रहा है, *गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय कंपनी बिलासपुर के गार्ड व सफाई करीब 200 साड़ी कर्मचारियों को केंद्रीय न्यूनतम वेतन से कम मिल रहा है, ठेकेदार के द्वारा फर्जी रजिस्टर बनाया गया था..जिस पर कोनी पुलिस थाने में रिपोर्ट के बाद उक्त ठेकेदार को गिरफ्तार किया गया था..उन कर्मचारियों को अंतर की राशि 22 लख रुपए भुगतान का आदेश सेंट्रल रीजनल लेबर कमिश्नर पूर्व बिलासपुर द्वारा दिया गया..जिसे यूनिवर्सिटी द्वारा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई जो की विचाराधीन है।**प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों ने छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष भीमराव बागड़े पर भी उद्योग प्रबंधन द्वारा मजदूर यूनियन के बहाने लेनदेन के दबाव बनाने मजदूरों से राशि वसूलने जैसे आरोपों पर सवाल दागा जिस पर भीमराव बागड़े ने जवाब देते हुए कहा कि ये कोई नई बात नहीं है हम मजदूरों के अधिकारों की लड़ाई सरकार और उद्योग दोनों से लड़ रहे हैं, आरोप लगाए जाते हैं, हम मजदूरों की हक की बात करते हैं..उनके अधिकार की लड़ाई लड़ रहे है..इस दौरान शाखा अध्यक्ष प्रदीप साहू केमिकल मजदूर यूनियन पुनाराम साहू महासचिव छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा, तुलसी देवदास संगठन मंत्री छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के अलावा नरेंद्र मरावी धीरज जायसवाल होरीलाल साहू नंदकुमार साहू दिनेश मरावी की उपस्थिति रही।*