युक्तियुक्तकरण से नकना शाला में आया सकारात्मक बदलाव

बच्चों की उपस्थिति और पढ़ाई में हुआ सुधार

रायपुर

बच्चों की उपस्थिति और पढ़ाई में हुआ सुधार
बच्चों की उपस्थिति और पढ़ाई में हुआ सुधार
बच्चों की उपस्थिति और पढ़ाई में हुआ सुधार

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा शिक्षा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण हेतु शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण से ग्रामीण अंचलों के विद्यालयों की तस्वीर बदल रही है। रागयढ़ जिले के विकासखंड धरमजयगढ़ स्थित शासकीय प्राथमिक शाला नकना इसका जीवंत उदाहरण है। एक समय यह विद्यालय मात्र एक शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहा था, अब वहां अतिरिक्त तीन शिक्षकों की पदस्थापना के साथ शिक्षा में व्यापक सुधार हुआ है। वर्तमान में विद्यालय में 112 बच्चे अध्ययनरत हैं।

पूर्व में शिक्षक की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी और पालक भी उन्हें नियमित रूप से स्कूल भेजने में रुचि नहीं ले रहे थे। परंतु युक्तियुक्तकरण के तहत नए शिक्षकों की नियुक्ति से अब कक्षाओं का संचालन सुव्यवस्थित हुआ है। पढ़ाई का स्तर सुधरने के साथ ही बच्चों की उपस्थिति में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।

गांव के सरपंच श्री तिर्की एवं पूर्व सरपंच श्री बंधुराम भगत ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह निर्णय बच्चों के भविष्य के लिए दूरदर्शी कदम है, जिससे गांव में शिक्षा के प्रति नया भरोसा और उत्साह जागा है। शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्री सहदेव एक्का ने भी शिक्षण व्यवस्था में आए सुधार पर संतोष व्यक्त किया और बताया कि समिति समय-समय पर विद्यालय का निरीक्षण कर शिक्षकों की कार्यप्रणाली पर निगरानी रखती है।

नए शिक्षकों के आने से शनिवार को आयोजित बैग-लेस-डे भी बच्चों के लिए रोचक बन गया है। इस दिन उन्हें खेल-कूद, पेंटिंग, व्यायाम एवं विभिन्न ज्ञानवर्धक गतिविधियां होती हैं, जिससे बच्चों में स्कूल के प्रति रूझान बढ़ा है। इन गतिविधियों से बच्चों के सर्वांगीण विकास को बढ़ावा मिल रहा है। अब बच्चे उत्साहपूर्वक विद्यालय आ रहे हैं और शिक्षा के प्रति उनकी रुचि बढ़ी है।

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