कांग्रेस के विरोध का दिखा असर, प्रशासन बैकफुट पर आया – आरती सिंह

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नीरज गुप्ता संपादक हरितछत्तीसगढ़

पत्थलगांव।पत्थलगांव बिजली विभाग के AE (TSG) कार्यालय को कुनकुरी स्थानांतरित करने के प्रस्ताव पर मचे बवाल के बाद आखिरकार प्रशासन को झुकना पड़ा। कांग्रेस के तीव्र विरोध और दबाव के चलते यह कार्यालय अब पत्थलगांव में ही यथावत रहेगा।प्रदेश कांग्रेस महामंत्री श्रीमती आरती सिंह ने इस निर्णय को “जनता और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की जीत” बताया। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस ने समय रहते इस मुद्दे पर सशक्त विरोध नहीं जताया होता और अधिकारियों पर दबाव नहीं बनाया होता तो अब तक AE कार्यालय कुनकुरी स्थानांतरित हो गया होता। उन्होंने भाजपा नेताओं, विशेष रूप से स्थानीय विधायक की चुप्पी को जनता के साथ छल करार दिया और सवाल उठाया कि इतने बड़े जनविरोध के बावजूद वे निष्क्रिय क्यों रहे।जनता के हितों की रक्षा करना जनप्रतिनिधियों की ज़िम्मेदारी होती है, लेकिन उन्होंने चुप्पी साध कर अपनी भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि “कांग्रेस ने एक बार फिर साबित किया कि वह सिर्फ राजनीति नहीं करती, बल्कि ज़मीनी मुद्दों पर जनहित के लिए लड़ती है। पत्थलगांव की जनता की इस जीत ने ये भी दिखाया कि अगर समय रहते संगठित विरोध किया जाए, तो कोई भी फैसला बदला जा सकता है।

”क्या था मामला? छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड द्वारा AE कार्यालय को कुनकुरी स्थानांतरित करने का आदेश जारी किया गया था, जिससे स्थानीय जनता में आक्रोश फैल गया। इस निर्णय के विरोध में कांग्रेस ने बिजली न्याय यात्रा, बिजली कार्यालय घेराव और प्रदर्शन आंदोलन किए। भारी जन दबाव के कारण अधीक्षण यंत्री को यह स्पष्ट करना पड़ा कि उपभोक्ताओं की मांग के आधार पर AE कार्यालय को पत्थलगांव में ही यथावत रखा जाएगा।

कांग्रेस का दावा – “जनता की जीत

प्रदेश कांग्रेस सचिव मनोज तिवारी ने कहा, “जब जनता जागती है, तो नीतियां भी झुक जाती हैं।” साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि भविष्य में यदि इस तरह की कोई पुनरावृत्ति होती है, तो इससे भी बड़ा जन आंदोलन किया जाएगा।

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