तीन साल का बिजली बिल एक साथ थमाने से हलाकान हुए ग्रामीण,सीएम कैम्प बगिया में लगाई सहायता की गुहार,
तीन साल का बिजली बिल एक साथ थमाने से हलाकान हुए ग्रामीण,सीएम कैम्प बगिया में लगाई सहायता की गुहार,
*कैम्प लगाकर अधिकारी करेंगे समस्या का समाधान*
*पीड़ित ग्रामीणों ने तात्कालीन कांग्रेस सरकार को समस्या के लिए बताया जिम्मेदार*
*जशपुरनगर।* विद्युत विभाग द्वारा हजारों रूपये की बिजली बिल से परेशान ग्रामीणों ने राहत की आशा में बगिया स्थित मुख्यमंत्री कैम्प में गुहार लगाई है। ग्रामीणों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए,सीएम कैम्प ने विद्युत विभाग के उच्च अधिकारियों को शुक्रवार को गांव में विशेष शिविर लगा कर,बिजली बिल की गड़बड़ी को सुधारने का सख्त निर्देश दिया है। मामला,जशपुर जिले के कुनकुरी ब्लाक के जोकारी गांव का है। पीड़ित ग्रामीणों ने बताया कि 2020 मे कोरोना संकट के बाद से तत्कालीन कांग्रेस सरकार की लापरवाही से उन्हें 3 साल तक बिजली बिल ही नहीं मिला. कांग्रेस सरकार बिजली हाफ का सब्ज बाग़ दिखा कर, बरगलाते रहे.कांग्रेस सरकार की इस लापरवाही का नतीजा यह हुआ कि बीते दिनों विद्युत विभाग ने तीन साल का बिल एक साथ थमा दिया। इस गांव के अधिकांश बिजली उपभोक्ता को 50 हजार से अधिक का बिल मिला है। बिल की रकम को देख कर,ग्रामीणों के होश उड़ गए। बिल जमा ना किये जाने पर,बिजली कटने की आशंका से ग्रामीण और परेशान हो गए हैं। उनका कहना है कि अभी परीक्षा का समय है। बोर्ड परीक्षाएं चल रही है। ऐसे में घरों में अंधेरा हो जाने से,बच्चों को तो परेशानी होगी। इसके साथ ही रबी फसल लेने वाले किसानों की फसल भी,सिंचाई ना होने से खतरे में आ जाएगी। ग्रामीणों ने सीएम कैम्प को सहायता के लिए ज्ञापन सौपते हुए,समस्या का उचित समाधान निकालने का अनुरोध किया। मामले पर सीएम कैम्प ने विद्युत विभाग के एसी आरके मिश्रा और डीई एन भगत को तत्काल,जोकारी में शिविर लगा कर,बिजली बिल की जांच और शिकायत का निराकरण करने का निर्देश दिया है। जानकारी के लिए बता दें कि बगिया स्थित मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निवास को प्रदेश सरकार ने सीएम कैम्प का दर्जा दिया हैं। यहां,प्रतिदिन जनदर्शन का आयोजन किया जाता है। जशपुर जिले के साथ दूसरे जिले से भी लोग अपनी समस्या और मांगों लेकर,यहां पहुंचते हैं। प्रवास में रहने के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय,स्वयं जनदर्शन में शामिल हो कर,लोगों की समस्या व मांगों को सुन कर,उनका निराकरण करते हैं। सीएम कैम्प की सहायता से बीते साढ़े 3 माह के दौरान 175 मरीजों को चिकित्सकीय सहायता मिल चुकी है।