
जशपुर। जिले के पत्थलगांव समीप लोकेर और बनगांव के मध्य बहती पावन भरारी नदी में स्थित स्वयंभू प्रकट शिवलिंग “लोकेश्वर महादेव” पर इस सावन के अंतिम सोमवार को श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। आदिकाल से आस्था का प्रतीक यह स्थल अब धीरे-धीरे एक प्रसिद्ध तीर्थ के रूप में ख्याति प्राप्त कर रहा है।
पौराणिक मान्यता है कि यदि कोई निसंतान दंपत्ति पूरी श्रद्धा व मनोभाव से यहां पूजन करता है, तो उन्हें संतान सुख की प्राप्ति अवश्य होती है। अब तक सैकड़ों दंपत्तियों की मनोकामनाएं यहां पूरी हो चुकी हैं, जिसके कारण यह स्थल लोगों की आस्था का केंद्र बन गया है।

भरारी नदी की धारा के बीच स्थित यह शिवलिंग आम दिनों में भी पानी में डूबा रहता है, जिससे कभी कभी इसके दर्शन दुर्लभ हो जाते हैं। किंतु सावन के पावन महीने में विशेषकर सोमवार को श्रद्धालु नदी में उतरकर जलाभिषेक और पूजन-पाठ करते हैं।
यहां शिवरात्रि के अवसर पर भव्य मेला भी लगता है, जो श्रद्धा, भक्ति और सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत संगम होता है। सावन के अतिरिक्त अन्य विशेष पर्वों पर भी भक्तगण बड़ी संख्या में यहां पहुंचते हैं।लोकेश्वर महादेव न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह क्षेत्र की संस्कृति, परंपरा और जनविश्वास का जीवंत उदाहरण भी बनता जा रहा है।
