प्रदेश के निजी नर्सिंग कॉलेजों की अनियमितता को देखते हुए नर्सिंग संगठन ने स्वास्थ्य मंत्री को दिया ज्ञापन!

प्रदेश में चल रहे निजी नर्सिंग कॉलेज जो कि INC के नियम के विरुद्ध लगातार 25 सालों से संचालित है ऐसे कॉलेजों की जांच करने के लिए नर्सिंग संगठन ने ज्ञापन सौंपा ज्ञापन में संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया की जिन नर्सिंग कॉलेजों को INC से मान्यता नहीं मिली ऐसे बहुत से कॉलेज छत्तीसगढ़ प्रदेश नर्सिंग काउंसिल से मान्यता प्राप्त कर लगातार संचालित हैं कॉलेजों में DPN साइकोलॉजी 2024-25 बैच के छात्रों का 1 साल बीत जाने के बाद भी परीक्षा नहीं लिया गया है l छात्र छात्राओं का भविष्य अंधकार में है lऐसे कॉलेज जो पंडित दीनदयाल आयुष हेल्थ यूनिवर्सिटी द्वारा की जाने वाली इंस्पेक्शन जाँच सिर्फ खानापूर्ति के लिए करते हैं और स्टाफ सर्वे के समय बुलाए जाते हैं जो की सिर्फ दस्तावेज बेस पर चल रहे हैं lकुछ कॉलेज ऐसे भी हैं जो बी.एस.सी., एम एस सी, पोस्ट बेसिक नर्सिंग, जी एन एम, के कोर्स नॉन अटेंडेंट बेस पर करा रहे हैं जो कि नियमित छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने जैसा है lकुछ नर्सिंग कॉलेज ऐसे भी हैं जिनका दस्तावेजों में पता कुछ और है और चल कहीं और रहे हैं lकुछ कॉलेज तो पिछले कई सालों से किराए की बिल्डिंग में गली मोहल्ले कालोनियों में संचालित है जो कि नियम के विरुद्ध लगातार काम कर रहे हैं ।प्रदेश में इस तरह से संचालित नर्सिंग कॉलेजों की मनमानी को रोकने एवं नर्सिंग शिक्षा को गुणवत्ता युक्त के लिए छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य नर्सिंग यूनियन के द्वारा स्वास्थ्य मंत्री जी को ज्ञापन सोपा गया है जिसमें संगठन की मुख्य मांग है ।ऑनलाइन इंस्पेक्शन की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए ।कॉलेज में कार्यरत सभी स्टाफ की जिसमें शिक्षक प्रिंसिपल प्रोफेसर उनकी सूची जारी की जाए उसमें पढ़ने वाले पढ़ने वाले छात्रों की अटेंडेंस बायोमैट्रिक के द्वारा ली जाए ताकि इसमें अनियमित ना हो INC के द्वारा मान्यता प्राप्त कॉलेज की सूची सार्वजनिक की जाए ताकि लोगों को यह पता चल सके कि जिन कॉलेजों में इसे से मान्यता प्राप्त नहीं है उनमें पढ़ना नहीं है अध्यक्ष अजय त्रिपाठी ने बताया की प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की बाढ़ सी आ गई है जिसमें हर साल सात हजार से अधिक अभ्यर्थी पास आउट होकर निकल रहे सरकार के द्वारा भी रिक्त पद अनुसार नियमित रोजगार नहीं निकाला जा रहा। जिससे बेराजगारी से जूझना पड़ रहा। अगर जल्द प्रदेश के नर्सिंग छात्र छात्राओं के हित में कार्यवाही नहीं की जाती तो प्रदेश स्तरीय आंदोलन कर कोर्ट में याचिका दायर कर पीड़ितों को न्याय दिलाया जाएगा।संगठन के सदस्य अजीत उपाध्याय ने बताया की प्रदेश के हॉस्पिटलो में नॉनमेडिकल स्टाफ को रख कर काम निकाला जा रहा। जो स्वास्थ्य सेवा मरीजों के लिए लापरवाही घातक साबित हो रहा है।

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