वन्यजीव अपराध रोकथाम पर अंतर-एजेंसी बैठक आयोजित

प्रशिक्षण और जागरूकता पर विशेष जोर

रायपुर,

भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो, मध्य क्षेत्र मुख्यालय भोपाल, छत्तीसगढ़ वन विभाग तथा विभिन्न राज्यों के वन विभागों द्वारा आज नवा रायपुर के अरण्य भवन में वन्यजीव अपराध रोकथाम पर अन्तर एजेंसी की बैठक आयोजित की गई। बैठक में रेलवे, पुलिस, वन विभाग, केंद्रीय एजेंसियों तथा विभिन्न विशेषज्ञ संस्थाओं के अधिकारी शामिल हुए।

बैठक में वन बल प्रमुख श्री व्ही श्रीनिवास राव, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा तथा झारखंड के वरिष्ठ वन अधिकारी, पुलिस अधिकारी, वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो के अधिकारी, फॉरेंसिक विशेषज्ञ सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न राज्यों के 35 अधिकारी भी जुड़े।

बैठक में वन्यजीव अपराधों की रोकथाम, अपराधियों पर प्रभावी कार्रवाई, तस्करी नेटवर्क की पहचान, अदालतों में केस प्रस्तुत करने की प्रक्रिया और विभिन्न विभागों के बीच बेहतर समन्वय पर विस्तृत चर्चा की गई। देशभर में बढ़ते वन्यजीव अपराधों को देखते हुए सभी विभागों ने अपने-अपने सुझाव और अनुभव को साझा किया।

छत्तीसगढ़ में प्रशिक्षण की आवश्यकता पर जोर

बैठक के दौरान बताया गया कि छत्तीसगढ़ वन विभाग में वन्यजीव अपराध नियंत्रण और क्राइम सीन डिटेक्शन विषय पर क्षेत्रीय स्तर पर प्रशिक्षण की आवश्यकता है। इस पर वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो, नई दिल्ली ने सहमति जताई और विभागीय कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण देने का आश्वासन दिया। साथ ही वन बल प्रमुख श्री व्ही श्रीनिवास राव ने बताया कि स्थानीय मुखबिर तंत्र को मजबूत करने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर विशेष बल दिया गया।

वन्य अपराधों की त्वरित जांच और कानूनी प्रक्रिया पर चर्चा

प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी )श्री अरुण कुमार पांडे ने वन्यजीव अपराध प्रकरणों की त्वरित जांच, साक्ष्य संकलन और केस को न्यायालय में प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने पर विस्तृत मार्गदर्शन दिया और अधिकारियों को समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

विशेष टास्क फोर्स बनाने पर विचार

बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य में वन्यजीव अपराध नियंत्रण के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (STF) गठित करने पर भी महत्वपूर्ण चर्चा हुई, ताकि राज्य में वन्यजीव तस्करी और अवैध व्यापार पर और अधिक प्रभावी अंकुश लगाया जा सके।

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