ग्रामीण अस्पताल से डॉक्टर गायब, इमरजेंसी सेवा भी भगवान भरोसे,कुकरगांव अस्पताल का मामला
ग्रामीण अस्पताल से डॉक्टर गायब, इमरजेंसी सेवा भी भगवान भरोसे,कुकरगांव अस्पताल का मामला
जशपुर – जशपुर जिले के अधिकाँश ग्रामीण इलाको में मौजूद प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के डॉक्टरों का मरीजों के प्रति रबैया इतना उपेक्षापूर्ण है कि यहां इमरजेंसी में आपको कोई डॉक्टर नहीं मिलेगा। बीते दिनों पत्थलगांव अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कुकरगाँव में रात को आठ बजे ग्रामीणों ने दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुवे पीठाआमा निवासी तरुण बिलुंग को अस्पताल लाया तो वहा ताला बंद मिला थक हारकर गंभीर हालत में रायगढ़ ले जाया गया इसके बाद यहा ग्रामीणों में अस्पताल प्रबन्धन के खिलाफ आक्रोश देखा जा रहा है। ग्रामीणों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कुकरगाँव में पदस्थ स्वास्थ्यकर्मियों की शिकायत उच्च अधिकारियो से कर दी जिसके बाद अब इस मामले में जांच शुरू हो गयी है। दरअसल ग्रामीणों को आरोप है की ग्रामीण क्षेत्र के सीएचसी-पीएचसी की हालत आज भी दयनीय है, ग्रामीणों ने बताया की कुकरगांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक चिकित्सा प्रभारी और एक आरएमए पदस्थ हैं। लेकिन यहां कोई भी पूरे समय तक नहीं रहता है। विभाग के द्वारा चिकित्सक व चिकित्साकर्मियों को अपने मुख्यालय में रहने खास हिदायत दिए जाते रहे हैं। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण यहां निगरानी नहीं होती है। निगरानी नहीं होने के कारण यहां आए दिन लापरवाही भी उजागर हो रही है। रात में कोई समस्या आती है तो अस्पताल में किसी के न मिलने से मरीज झोला छाप डॉक्टर का सहारा लेने को मजबूर हो रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा भी दिशा निर्देश जारी किया गया है कि सभी अस्पतालों को 24 घण्टे खुला रखना है। लेकिन ड्यूटी सूची के अनुसार कोई भी अधिकारी, कर्मचारी ड्यूटी नहीं करते हैं और केंद्र से ही नदारत रहते हैं। इस सम्बन्ध में बी एम ओ डा जेम्स मिंज ने बताया की रात में अनुपस्थित रहने के मामले की जाँच कर रहे है पदस्थ सभी स्वास्थ्यकर्मियो को गाँव में में ही मुख्यालय बनाकर 24 घंटे उपस्थित होकर कार्य सम्पादन करने को निर्देशित किया गया है।