हाई कोर्ट बिलासपुर का महत्वपूर्ण फैसला – तकनीकी त्यागपत्र प्राप्त शिक्षकों को मिलेगा स्टाइपेंड अवधि में काटी गई राशि का एरियर ।

हाई कोर्ट बिलासपुर का महत्वपूर्ण फैसला – तकनीकी त्यागपत्र प्राप्त शिक्षकों को मिलेगा स्टाइपेंड अवधि में काटी गई राशि का एरियर ।

बिलासपुर हाईकोर्ट ने 19 नवंबर को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है जिसके तहत 2019 शिक्षक भर्ती के तहत भर्ती हुए हजारों शिक्षकों को स्टाइपेंड के तहत काटी गई राशि को एरियर के रूप में देने की बात कही गई है। सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन के पूर्व प्रांतीय विधिक सलाहकार एलन साहू ने बताया कि बिलासपुर हाईकोर्ट में WPS नंबर 6436 वर्ष 2021 मुख्य पेटीशनर अमृत लाल साहू वर्सेस राज्य सरकार की केस में एक महत्वपूर्ण आदेश हाईकोर्ट द्वारा पारित किया गया है। इस आदेश के पैरा 53 और 54 के तहत तकनीकी त्यागपत्र प्राप्त कर्मचारी जो निम्न से उच्च पद में गए हैं उन्हें लियन के अधिकार एवं मूलभूत नियम 22 (B)1 के तहत उनके सर्विस को कंटिन्यू माना जाएगा और उन्हें उनके नवीन पद पर नियुक्ति काल से ही पूर्ण वेतन वेतन की पात्रता होगी। यहां गौरतलब यह है कि 2020 से 2023 तक के समय में तत्कालिक सरकार ने सीधी भर्ती पर नियुक्त शासकीय कर्मचारियों को पूर्ण वेतन के स्थान पर उन्हें पूर्ण वेतन का क्रमशः 70%, 80% और 90% आगामी 3 वर्षों तक स्टाइपेंड के रूप में देने का नियम लाया था। उपरोक्त नियमों से सर्वाधिक नुकसान ऐसे शासकीय कर्मचारियों को हो रहा था जो पहले से शासकीय सेवा में थे और विभागीय अनुमति लेकर उच्च पदों पर पुनः सीधी भर्ती द्वारा जा रहे थे। परंतु तात्कालिक स्टाइपेंड नियम के कारण नवीन और उच्च पद पर जाने के बावजूद भी उनका नवीन वेतन पुराने निम्न पद के वेतन से कम हो रहा था जो की मूलभूत नियमों के विरुद्ध था। इस नियम से असंतुष्ट होकर बहुत सारे कर्मचारी एवं शिक्षक हाईकोर्ट की शरण लिए थे जहां उन्हें अब राहत प्राप्त हुई है। इस आदेश के पैरा 56 के अनुसार स्टाइपेंड के तहत काटी गई राशि को एरियर के रूप में देने, वेतन संरक्षण और सेवा की कंटिन्यूटी हेतु जरूरी करेक्शन हेतु शासन को निर्देशित किया गया है। यहां यह भी गौरतलब है कि 2019 शिक्षक भर्ती के तहत जो सीधी भर्ती से नवीन शिक्षक गए हैं उन्हें भी जॉइनिंग डेट से पूर्ण वेतन देने की बात कही गई है।इस निर्णय से तकनीकी त्यागपत्र प्राप्त शिक्षक एवं अन्य शिक्षक जिनकी नियुक्ति 2020 से 2023 के बीच में हुई है सभी में खुशी की लहर है। 2021 में दायर इस केस का निर्णय भले ही चार साल बाद आया है परंतु उन्हें अब इस बात की खुशी है कि उनके मेहनत की कमाई जो राशि पहले स्टाइपेंड के रूप में काटी गई थी अब उन्हें प्राप्त होगी।

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