किलकिलेश्वर धाम में संत सम्मेलन,में प्रबल जूदेव ने सैकड़ों लोगों को घर वापसी कर अपनाया हिंदू धर्म
किलकिलेश्वर धाम में संत सम्मेलन,में प्रबल जूदेव ने सैकड़ों लोगों को घर वापसी कर अपनाया हिंदू धर्म
पत्थलगांव। जशपुर में पत्थलगांव स्थित किलकिला शिव मंदिर प्रांगण में संत सम्मेलन हुआ, जहां कई परिवार के सैकड़ों लोगों ने घर वापसी कर हिंदू धर्म को स्वीकार किया। सम्मेलन का कार्यक्रम वरिष्ठ संतों व अखिल भारतीय घर वापसी प्रमुख प्रबल प्रताप सिंह जूदेव के नेतृत्व में किया गया।
पत्थलगांव के धर्मनगरी किलकिलेश्वेर धाम में हिंदू सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती के बलिदान दिवस के उपलक्ष्य पर संत सम्मलेन एवं विश्व कल्याण महायज्ञ का आयोजन किया गया। जिसमें माता पुजारी, जानीया, गुनिया, बैगा, गांवों के संत समेत भजन-कीर्तन मण्डलियों से आए हिंदू समाज के बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।दौरान प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने किलकिला मंदिर में भगवान शिव की आराधना की। उसके बाद मंदिर के श्री-श्री 1008 कपिलदास मुनि बाबा से आशीर्वाद प्राप्त किया। वहीं, हिंदू सम्मेलन में शुद्धि यज्ञ के बाद प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने सैकड़ों लोगों का गंगाजल से चरण धोकर पुन: हिन्दू धर्म में वापसी कराया। इस दौरान किलकेश्वर धाम के कपीलदास मुनि बाबा ने कहा कि स्व. दिलीप सिंह जूदेव द्वारा चलाए गए घर वापसी अभियान की कमान प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने हाथों में लेकर बड़ी ही निष्ठापूर्वक और प्रखरता से आगे बढ़ाया है।दौरान प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने जय श्रीराम के नारे के साथ अपने उद्बोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि इस महान राष्ट्र निर्माण के यज्ञ में शामिल होने के लिए मैं आप सभी का आभार व्यक्त करता हूं, जब तक हमारे बिछड़े हिंदुओं की हम घर वापसी नहीं कराएंगे, तब तक हम चैन से नहीं बैठेंगे। मेरे पिताजी स्व दिलीप सिंह जूदेव के इस घर वापसी के कार्यक्रम को मैं चलाता आ रहा हूं, जिसमें मेरा साथ देने के लिए मैं आप सभी का आभारी हूं। जूदेव ने कहा हिंदुत्व किसी जाति का नहीं राष्ट्रीयता का प्रतीक है। इतिहास गवाह है जहां हिंदू घटा है देश बटा है। इसीलिए हिंदू बचाना मंदिर बनाने से भी बड़ा कार्य है क्योंकि हिंदू ही मंदिर बनाएगा मंदिर हिंदू नहीं।