किसानों के पसीने का हो रहा है सही मूल्यांकन : धान खरीदी में सुगमता से जयशंकर ने जताई संतुष्टि

किसानों की महीनों की कठिन मेहनत ओर पसीने की कमाई अब उपार्जन केंद्रों में खुशियों के रूप में दिखाई दे रही है। खेत में बीज से लेकर बालियों के पकने तक लगभग चार से छः महिना की लगन और परिश्रम का प्रतिफल आज किसानों को उनके अनमोल मूल्य के रूप में मिल रहा है।  इस सुव्यवस्थित एवं पारदर्शी व्यवस्था से किसान संतुष्ट हैं, जिसकी झलक उनके मुस्कुराते चेहरों में साफ दिखाई देती है। धान खरीदी प्रक्रिया पर संतोष व्यक्त करते हुए श्री जयशंकर ने कहा कि सरकार द्वारा समय पर खरीदी, सुविधाजनक व्यवस्था और उचित मूल्य प्रदान किए जाने से किसानों को बड़ी राहत मिली है।

धान बेचने के बाद गेहूं की बुवाई की तैयारी में किसान

राज्य शासन द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में भी धान को प्रति क्विंटल के मान से समर्थन मूल्य एवं कृषक उन्नति योजना के अंतर्गत 3100 रुपये पर खरीदा जा रहा है। बलरामपुर जिले के ग्राम सेमली निवासी किसान श्री जयशंकर सिंह ने इस वर्ष अपनी मेहनत से 275 बोरी धान की उपज प्राप्त की है। उन्होंने बलरामपुर धान उपार्जन केंद्र में अपना धान बेचा। वे बताते हैं कि उनकी खेती में पत्नी तथा परिवार के सदस्यों का संयुक्त योगदान रहता है।  उन्होंने बताया कि धान बेचने के बाद अब वे गेहूं की बुवाई की तैयारी में जुट गए हैं। धान विक्रय से प्राप्त राशि का उपयोग वे परिवार की आवश्यकताओं की पूर्ति तथा खेती को और उन्नत बनाने में करेंगे। 

किसानों के कठिन परिश्रम का हो रहा है सम्मान

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार किसानों के कठिन परिश्रम का सम्मान सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। समर्थन मूल्य पर सुगम, पारदर्शी और सुविधाजनक धान खरीदी व्यवस्था ने किसानों में आत्मसंतोष का संचार किया है। शासन के दूरदर्शी पहल के कारण श्री जयशंकर जैसे अनगिनत किसानों के चेहरों पर मुस्कान लौटी है। कृषक श्री जयशंकर सिंह ने 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को आभार व्यक्त किया है।

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