ऑनलाइन टोकन ने किसान भीखमलाल को दिलाया उनकी मेहनत का सच्चा प्रतिफल

दुर्ग जिले के कुर्मीगुंडरा गांव के मेहनतकश किसान श्री भीखमलाल वर्मा के लिए धान खरीदी का मौसम हमेशा उम्मीद और उत्साह लेकर आता है। खेतों में धूप हो या तेज़ बारिश, कीचड़ में घंटों खड़े रहकर की गई उनकी मेहनत का असली मूल्य इसी मौसम में मिलता है। किसानों के लिए धान खरीदी किसी त्योहार से कम नहीं होती क्योंकि इसी पर पूरे साल का घर‐परिवार, बच्चों की पढ़ाई और रोजमर्रा की ज़रूरतें टिकी रहती हैं।

इस वर्ष श्री भीखमलाल वर्मा ने तकनीक का लाभ उठाते हुए ऑनलाइन टोकन कटवाया और तय तारीख़ पर उपार्जन केन्द्र कुर्मीगुंडरा में पहुंचे। हाथों में टोकन लिए, उनके चेहरे पर संतोष और राहत साफ दिखाई दे रही थी क्योंकि वे जानते थे कि अब उनकी मेहनत का हर दाना समय पर और सुरक्षित तौला जाएगा।

उनके पास कुल 2.38 हेक्टेयर रकबा है, जिसके आधार पर उन्हें दो टोकन जारी हुए। निर्धारित समय पर पहुंचकर उन्होंने कुल 123 क्विंटल धान का विक्रय किया। खरीदी की प्रक्रिया सुगमता से पूरी हुई तो श्री भीखमलाल के चेहरे पर चमकते संतोष ने मानो सारी थकान मिटा दी। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि टोकन मिलते ही लगा कि अब सब काम बिना परेशानी के पूरा हो जाएगा। मेहनत की कीमत समय पर मिले, यही किसान की सबसे बड़ी खुशी है।

ऑनलाइन टोकन व्यवस्था ने न केवल उनके समय की बचत की, बल्कि खरीदी केंद्र में अनावश्यक भीड़ और इंतज़ार से भी मुक्ति दिलाई। श्री भीखमलाल जैसे हजारों किसानों के लिए यह व्यवस्था अब उम्मीद, भरोसे और सुगमता का नया रास्ता बन चुकी है।

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