Chhattisgarh

सरपंच पति की दबंगई,समूह नहीं बेटे वितरण किया जा रहा राशन,निःशुल्क राशन का मांगा 500 सौ रुपये,हितग्राही का रो-रो कर बुरा हाल35 किलो की जगह 10 से 15 किलो वितरित कर रहा राशन

सरपंच पति की दबंगई,समूह नहीं बेटे वितरण किया जा रहा राशन,निःशुल्क राशन का मांगा 500 सौ रुपये,हितग्राही का रो-रो कर बुरा हाल35 किलो की जगह 10 से 15 किलो वितरित कर रहा राशन

 

0. हितग्राहियों का आरोप फिंगरप्रिंट 35 किलो का तो 15 किलो क्यों दिया जा रहा राशन,पहाड़ी कोरवाओं को भी नही मिल रहा लाभ,

0.सरपंच पति की सफाई,कम आबंटन के कारण नहीं दिया राशन..!

कोतबा:-गरीबों को मिलने वाला सस्ता और निःशुल्क अनाज में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया हैं.यहां समूह की महिलाओं को वितरित करने की जिम्मेदारी नही बल्कि महिला सरपंच के पति का दबंग राज चल रहा है.सरपंच पति अपने बेटे को राशन वितरण की जिम्मेदारी दी रखी हैं. तो वहीं सरपंच के लाडले ने एक महिला से राशन के बदले 500 पांच सौ रुपये की मांग की.पीड़ित महिला इस बात से आहत होकर फुट-फुट कर रोने लगी।

मामले की जानकारी मिलते ही मीडिया की टीम मौके पर पहुची जहाँ 2 दर्जन से अधिक हितग्राही राशन ना मिलने से नाराज हो कर बाहर बैठे हुए थे।महिलाओ ने बताया कि हर माह चावल आबंटन कम आया है बोलकर अधिकांश हितग्राहियों को खाली हाथ वापस लौटना पड़ता है।कुछ को 35 किलो का फिंगरप्रिंट करवा कर 10 तो किसी को बिस किलो ही वितरण कर दिया जाता है। सरपंच के बेटे की मनमानी से परेशान ग्रामीण महिलाओं का दर्द उस वक्त छलका जब वितरक ने गरीब महिला लता चौहान अपने दुधमुंहे बच्चे को लेकर राशन लेने आई थी। और ग्रामीण ये कह रहे थे। कि बहुत कम राशन बचा सभी को नही मिल पायेगा कतार लम्बी थी लिहाजा लता ने वितरक से राशन जल्दी देने की बात कही तो उसने मुफ्त राशन जल्दी देने के एवज में 500 रुपए देने की बात कह दी जिससे छुब्ध होकर महिला निसहाय अवस्था मे फुट फुट कर रोने लगी रोते हुए कहने लगी कि ” चाउर नी देहन 500 रुपया दिहा ता चाउर मिलहि कहत हे,हमन गरीब आदमी कहा ले 500 देबो” छत्तीसगढ़ी भाषा मे रोते बिलखते हुए महिला अपना दर्द बयान कर रही थी। ये हालात है छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के पत्थलगांव विकासखण्ड के ग्राम पंचायत झिमकी का जहां राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाली पहाड़ी कोरवा जनजातीय समुदाय बहुतायत में निवासरत है। पहाड़ी कोरवा महिलाएं  मनियारो बाई,साझा बाई,एतवारी बाई ने बताया कि “हमन ला जेठ के चाउर आसाढ़ में मिलत हे” पिछला महीना 35 किलो के जगह 20-20 किलो चावल दीए अभी 2 दिन से खाने के लिए राशन नही था 2 दिन तक उपवास सोना पड़ा है हमारे पूरे परिवार को अभी चावल मिला है तो 2 दिन बाद घर मे चूल्हा जलेगा। वही हितग्राही मनकुवेर यादव ने बताया कि बीते माह 20 किलो चावल मिला है। वही मई माह का मिला ही नही है। हितग्राही कुसोमती ने बताया हमे आधा अधूरा चावल मिलता है। 35 किलो की जगह कभी 10 किलो कभी 20 किलो कभी 25 किलो चावल मिलता है।मुलारोबाई चौहान ने बताया कि उन्हें मई माह का चावल फिंगर लगवाने के बाद भी नही दिया जा रहा है। वही हितग्राही सुमति यादव ने बताया कि मई माह का चावल जून में जून के चावल जुलाई माह में दिया गया है एक माह का चावल नही आया है बोल के दे ही नही रहे है। वही 2 दर्जन से अधिक महिलाओ ने बताया कि राशन वितरण में भारी मात्रा में धांधली चल रही है। किसी भी माह से सभी राशनकार्ड धारियों को सही से वितरण नही किया गया है। इस विषय मे जब राशन वितरण कर रहे हरीश पैकरा से पूछा गया तो उन्होंने मशीन नही खुला है फिंगर नही हुवा है जिसके कारण राशन नही दिया जा रहा है। वही राशन वितरण कर रहे सरपंच के बेटे भूपेन्द्र पैंकरा ने बताया कि हर माह पूरे गाँव वालों को राशन नही बाँट पाते है सभी पारा के एक दो एक दो परिवार छूट ही जाते है। आबंटन भी कम है शाशन स्तर से राशन कम आता है। जिससे मेंटेनेंस कर कर के वितरण करते है।जब 500 रुपये मांगे जाने की बात पूछी गई तो वितरक भूपेन्द्र पैकरा ने बताया कि लता चौहान को जल्दी राशन चाहिए था वो पाऊच खाने के लिए 10 रुपए दे रही थी तो मैंने मजाक में 500 रुपए दो तो चावल दूँगा नही तो नही दूँगा बोल दिया था। जिससे वो रोने लगी थी।

0. बिना मुनादी कराया जा रहा था राशन वितरण

 

झिमकी के ग्रामीणों ने बताया कि राशन वितरण के लिए गाँव मे मुनादी नही करवाई गई थी। कुछ घनिष्ठ हितग्राहियों को फोन से सूचना देकर बुलाकर उन्हें राशन दिया जा रहा था जो परिवार सम्पन है वे राशन लेने भी ट्रैक्टर में आए थे। वही जरूरतमंद गरीब परिवार की बस्तियों में मुनादी ही नही करवाई गई। और राशन वितरण मनमाने ढंग से कर रहे थे। जिससे 2 दर्जन से अधिक परिवार राशन मिलने से ही वंचित रह गए। 

0.असहाय वृद्धा को एक साल से नही मिला राशन,पड़ोसी देते है खाना

 

ग्राम पंचायत झिमकी के अंतर्गत नया खुटापानी के जंगल किनारे निवासरत असहाय वृद्धा धनकुवेर हसदा को अंतिम बार 20/11/2023 को राशन मिला था।धनकुवेर अन्त्योदय राशनकार्ड धारी हितग्राही महिला है जिसके घर से राशन दुकान की दूरी 2 किलोमीटर की है बीमारी से लाचार असहाय वृद्धा के परिवार में अन्य कोई व्यक्ति नही है। जो राशन ला दे कई बार मोहल्ले वालों ने महिला को राशन देने या भेजने की मांग पंचायत से की लेकिन डीलर भूपेन्द्र पैकरा ने फिंगर नही होने का बहाना बना कर साल भर से राशन उपलब्ध नहीं कराया जिससे वृद्धा को पड़ोसी रोजाना खाना देते है। 

.बुलाने पर भी नही आई महिला सरपंच यहाँ चलता है सरपंच पति का राज 

 

ग्राम पंचायत झिमकी की निर्वाचित सरपंच तो राजकुमारी पैंकरा है लेकिन यहाँ राज सरपंच पति सुखदेव सिंह पैंकरा का चलता है।मामले से परिपेक्ष्य में मीडिया ने जानकारी चाही तो सरपंच पति सुखदेव सिंह पैकरा ने उल्टा हितग्राहियों पर ही शराबखोरी का आरोप लगाते हुए कहा कि महिला जो 500 रुपये मांगने पर रो रही है वो शराब पी कर बकवास कर रही है। वो खुद गुटखा खाने 10 रुपए देने की बात कही थी तो मजाक में मेरा बेटा बोला था। सभी को शाशन के नियमानुसार ही राशन वितरण करते है। मार्च व मई महीने में आबंटन कम आय था तो ईशर उधर कर वितरण करना पड़ता है। मैन ही 35 कि जगह 20-25 किलो राशन दे कर सभी को वितरण करने कहा था।

 

:- आकांक्षा त्रिपाठी,अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पत्थलगांव

मामले की जानकारी मिली है। मैं तुरंत खाद्य निरीक्षक को भेज कर जाँच करवाती हु।

अजय प्रधान, खाद्य निरीक्षक पत्थलगांव

मैं अभी बाहर था गुरुवार को जाँच कर सभी ग्रामीणों को राशन वितरण करवाता हु। मामले में कोई दोषी पाया जायेंगे तो उनके खिलाफ उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार कार्यवाही की जाएगी।

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