

समाज कल्याण विभाग की महत्वपूर्ण पहल के तहत कांकेर जिले में दिव्यांगजनों के लिए कृत्रिम अंग (हाथ-पैर) प्रदान करने हेतु व्यापक चिन्हांकन एवं मापन शिविर का सफल आयोजन किया गया। फिजिकल रेफ़रल रिहैबिलिटेशन सेंटर रायपुर और समाज कल्याण विभाग कांकेर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित यह शिविर दिव्यांगजनों को अधिक सक्षम, आत्मनिर्भर और दैनिक जीवन में सहज गतिशीलता प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।


शिविर में रायपुर से पहुँची विशेषज्ञ टीम ने, डॉ. विवेक सिंह के नेतृत्व में, प्रत्येक दिव्यांगजन का विस्तृत परीक्षण कर उनकी शारीरिक आवश्यकता के अनुरूप उपयुक्त कृत्रिम अंगों का मापन एवं चयन किया। टीम ने लाभार्थियों को कृत्रिम अंगों के उपयोग, रखरखाव और सावधानियों से संबंधित विस्तृत जानकारी भी दी, ताकि आगामी दिनों में उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो।

कांकेर जिले की मेडिकल टीम ने शिविर स्थल पर ही पात्र लाभार्थियों को त्वरित दिव्यांगता प्रमाण-पत्र जारी किए। इस व्यवस्था से दिव्यांगजनों को सरकारी योजनाओं एवं सुविधाओं का लाभ लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज तुरंत उपलब्ध हुए, जिससे उनकी प्रक्रिया सरल और सुगम बन गई।
विभागीय अधिकारियों ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए संकल्पित है कि कोई भी दिव्यांगजन सहायक उपकरणों, पुनर्वास सेवाओं और आवश्यक चिकित्सा सुविधा से वंचित न रहे। ऐसे शिविर एक ही स्थान पर परीक्षण, मापन, प्रमाण-पत्र और परामर्श जैसी सभी सुविधाएँ उपलब्ध कराते हुए “वन-स्टॉप समाधान” के रूप में प्रभावी साबित हो रहे हैं।
शिविर में बड़ी संख्या में दिव्यांगजनों ने पहुँचकर सेवाओं का लाभ उठाया और बेहतर जीवन की नई उम्मीद जताई। समाज कल्याण विभाग की संचालक श्रीमती रोक्तिमा यादव ने बताया कि आगामी दिनों में पूरे राज्य में ऐसे शिविरों की संख्या और बढ़ाई जाएगी, ताकि अधिक से अधिक हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा सके और दिव्यांगजन सशक्तिकरण की दिशा में राज्य का प्रयास और मजबूत हो सके।
