*Kota-Updete:- गौशाला-जमीन-विवाद कुंवारीमुड़ा-पंचायत के ग्रामीणों ने धावा बोल निर्माणधीन-कार्य को ढहाया।-
*ग्रामीणों के बीच मौके पर पुलिस-अधिकारियों सहित राजस्व-अधिकारी पंहुचे मौके पर पुलिस बल रही तैनात।
*एसडीएम-एसडीओपी ने चौपाल-लगाकर आक्रोशित ग्रामीणों को कराया शांत पूरे मामले का किया त्वरित निराकरण।*
*दिनांक:-27/07/2024*
*मोहम्मद जावेद खान हरित छत्तीसगढ।।*
*करगीरोड़-कोटा:-बेलगहना कोरीडैम-रोड फॉरेस्ट कार्यालय के आगे स्थित गौसेवा के उद्देश्य से कुंवारीमूड़ा खसरा क्रमांक 167/1 हल्का नंबर 02 ग्राम-पंचायत की जमीन में कोटा नगर के कुछ गणमान्य नागरिक सहित समाजिक संस्था द्वारा सड़को में बैठे आवारा पशुओं की दुर्घटना में मृत्यु सहित आमजन भी दुर्घटना का शिकार को लेकर इसी माह में एक बैठक आहूत की गई थी जिसमे बैठक में ऐसे पशुओं की देखभाल के लिए इसी जमीन पर शेड निर्माण कराया जानें लगा इस कार्य में विहिप व बजरंग दल के कार्यकर्ता लगातार कार्यरत रहे, 24-जुलाई को सुबह के वक्त कुंवारीमुड़ा के सरपंच सहित काफी संख्या में ग्रामीण-महिलाएं गौशाला वाली जमीन को खाली करने की बात करने लगे मौके पर मौजूद बजरंग दल के कार्यकर्ताओं और ग्रामीणो के बीच हल्की फुल्की-नोकझोंक भी हुई उसके बाद जगह पर उपस्थित बजरंग दल के कार्यकर्ताओ को दो दिन के अंदर जगह खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया..इस दौरान लिखित रूप से ज्ञापन भी दिया गया..पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओ ने बताया कि आवेदन इसलिए नही लिया गया की आवेदन में तोड़फोड़ की बात लिखी गई थी।*
*इसके बाद ग्राम पंचायत के लोग कोटा तहसीलदार पंचायत की जमीन से कब्जा हटाने के लिए 24- जूलाई को ही ज्ञापन सौंपा दिया गया..इन दो दिनों के अंदर कोटा तहसीलदार व राजस्व विभाग द्वारा अपने स्तर से क्या प्रयास किए गए इसकी जानकारी प्राप्त नही हो पाई..चूंकि शनिवार को शासकीय कार्यालय बंद रहते है..सूत्रो के हवाले से सुबह सुबह जानकारी प्राप्त हुई की गोशाला वाली जगह पर कुंवारीमूड़ा ग्राम पंचायत के सरपंच सहित सैकड़ों की संख्या में महिलाएं पुरूष हाथो में फावड़ा गैती-सब्बल लेकर गौशाला वाली जमीन के निर्माण-कार्य को तोड़कर जगह को अपने कब्जे में ले लिया गया..मामले की जानकारी मिलते ही एसडीएम कोटा एसडीओपी कोटा तहसीलदार थाना प्रभारी कोटा सहित भारी संख्या में पुलिस बल द्वारा पंहुचकर ग्रामीणों को समझाइश दिया गया कुछ देर के लिए आक्रोशित-ग्रामीण तो अधिकारी की बात भी नहीं सुन रहे थे..मामला काफी देर तक गरमाया रहा..कुछ देर के बाद एसडीएम युगल किशोर उर्वशा एसडीओपी कोटा श्रीमती नुपुर उपाध्याय ने तहसीलदार कोटा व थाना प्रभारी कोटा की मौजूदगी में चौपाल लगाकर ग्रामीणों की बात सुनी मौके पर ही पंचनामा बनाकर उनकी समस्याओं का निराकरण करते हुए मामले को खत्म कराया और विवाद वाली जगह को ग्राम पंचायत को सौंप दिया गया..और उन्हें पुन: से एसडीएम व एसडीओपी कोटा ने समझाइश दी की आगे भी समस्या होने पर वे सभी आकर मिले या फोन कर लेवे कानून हाथ में न लेवे।*
*इस पूरे मामले में कही न कही पंचायत व गौसेवा समिति के बीच समन्वय की कमी देखी गई बजरंग-दल व विहिप के लोगो के कथन के हिसाब से प्रशासनिक अधिकारियों के मौखिक आदेश के बाद ही जमीन पर निर्माण कार्य शुरू किया गया था..जगह पर काबिज होने वाली बात गलत है..बैठक में ग्राम पंचायत के सरपंच को भी आमंत्रित किया गया था, पर सरपंच बैठक में नही आए वही पर ग्राम पंचायत के सरपंच सहित ग्रामीणों ने आरोप लगाया की तत्कालीन सरकार के समय से कोटा विकासखंड में पेशा एक्ट-कानून लागू हो चुका है..आदिवासी बहुल-क्षेत्र में प्रशासन बिना ग्राम-पंचायत के प्रस्ताव के किसी को भी मौखिक आदेश कैसे दे सकता है, पेशा एक्ट कानून के तहत बिना ग्राम-पंचायत प्रस्ताव के ये कार्य पूरी तरह से असवैधानिक है आरोप-प्रत्यारोप के बीच अंतत:मामला शांत हुआ।*
*इस पूरे मामले में प्रशासनिक चूक के साथ प्रशासनिक अधिकारियों के बीच समन्वय की भीं कमी दिखाई दी..? पंचायत द्वारा कोटा-तहसीलदार को सौंपे ज्ञापन की जानकारी पुलिस विभाग के आला अधिकारियों को नही थी मौके में अगर आज पुलिस-विभाग के एसडीओपी थाना प्रभारी सहित पुलिस बल की मौजूदगी नही होती तो मामला संवेदनशील हो सकता था..गौसेवा के उद्देश्य को लेकर कोटा नगर के बुद्धिजीवी-नागरिकों सामाजिक संस्था सहित बजरंग दल व विहिप के लोगो के लिए जिला प्रशासन को चाहिए कि वैकल्पिक व्यवस्था बनाते हुए तत्कालीन सरकार के समय बनाए गए गोठान जो की वर्तमान में पूरी तरह से खाली है..इन्हे सौप देना चाहिए ताकि खाली पड़े गोठानो में गाय सहित छोटे बछड़े पूरी तरह से सुरक्षित रह सके।