ई-नीलाम: पारदर्शिता और राजस्व वृद्धि की दिशा में एक सकारात्मक पहल

ई-नीलाम: पारदर्शिता और राजस्व वृद्धि की दिशा में एक सकारात्मक पहल

वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ वन विकास निगम द्वारा अब इमारती लकड़ी की नीलामी ई-नीलाम के माध्यम से की जा रही है। यह एक आधुनिक, पारदर्शी और पूर्णतः डिजिटल प्रक्रिया है, जिसमें ऑनलाइन पोर्टल के जरिए नीलामी संपन्न होती है।

ई-नीलाम प्रक्रिया के अंतर्गत पंजीकृत व्यापारी निर्धारित तिथि और समय पर देश के किसी भी स्थान से बोली लगा सकते हैं। पूरी प्रक्रिया कंप्यूटर आधारित होने के कारण मानवीय हस्तक्षेप न्यूनतम रहता है, जिससे निष्पक्षता सुनिश्चित होती है और लकड़ी का वास्तविक बाजार मूल्य प्राप्त हो पाता है।

इस पहल से नीलामी में पारदर्शिता बढ़ी है और प्रतिस्पर्धा में वृद्धि हुई है। अंतरराज्यीय व्यापारियों की भागीदारी से काष्ठ का उचित मूल्य प्राप्त हो रहा है, जिससे वन विकास निगम के राजस्व में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। ई-नीलाम प्रारंभ होने के बाद महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के काष्ठ व्यापारी भी सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। भविष्य में अन्य राज्यों के व्यापारियों के जुड़ने से प्रतिस्पर्धा और अधिक सशक्त होने की संभावना है।

ई-नीलाम के माध्यम से नीलामी प्रक्रिया सरल और सुव्यवस्थित हो गई है। पहले जहां व्यापारियों और वन अधिकारियों को नीलामी स्थल पर उपस्थित होना पड़ता था, वहीं अब ऑनलाइन व्यवस्था से देश के किसी भी कोने से भागीदारी संभव हो गई है। इससे समय और धन दोनों की बचत हो रही है।

छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम लिमिटेड के प्रबंध संचालक श्री प्रेम कुमार ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 6,950 घन मीटर इमारती काष्ठ तथा 2,070 चट्टा जलाऊ लकड़ी का विक्रय किया जा चुका है, जिससे कुल 9.60 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व अर्जित हुआ है। 

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