युक्तियुक्तकरण आदेश रोक लगाने सहित अन्य मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ जिला शाखा जशपुर ने सौंपा ज्ञापन।
युक्तियुक्तकरण आदेश रोक लगाने की मांग हेतु सौंपा ज्ञापन।
छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ जिला शाखा जशपुर ने पहले जिला कलेक्टर जशपुर से भेटवार्ता कर ज्ञापन माननीय मुख्यमंत्री,सचिव स्कूल शिक्षा विभाग और संचालक लोक शिक्षण सचालनालय के नाम से सौपा, कलेक्टर महोदय ने ज्ञापन अच्छी तरह से पढ़कर पदाधिकारियों से चर्चा किया।ज्ञापन कार्यक्रम मे प्रमुख रूप से अर्जुन रत्नाकर,देवन्ती पैंकरा,संतोष टांडे, कुंदन गुप्ता,मोतीलाल भारती,,शकील खान, भुनेश्वर सूर्यवंशी,संदीप भगत,शंकर दयाल,,हेमंत पैंकरा,विनोद साहू,सबेद यादव,जनक यादव सहित भारी संख्या मे शिक्षक उपस्थित रहे।उनकी मांग है की युक्तियुक्तकरण से शालाओं में शिक्षा का स्तर पूरी तरह से कमजोर हो जाएगा एवं शिक्षक बड़ी संख्या में प्रभावित और परेशान होंगे। इस युक्तियुक्तकरण में शिक्षा विभाग के सेटअप, नई शिक्षा नीति एवं शिक्षा के अधिकार कानून का पालन नहीं किया गया है। नियमानुसार शालाओ में उसके स्वीकृत सेटअप अनुसार ही पद स्थापना होता है। स्कूल शिक्षा विभाग में सभी शालाओं का सेटअप 2008 स्वीकृत एवं प्रभावशील है। लेकिन इस युक्तियुक्तकरण में सेटअप को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है, जो कि पूर्णतः नियम विरुद्ध होकर अनुचित है। प्राथमिक शाला में 60 दर्ज संख्या में प्रधान पाठक सहित दो शिक्षक जबकि 5 कक्षा, प्रति कक्षामें 4 विषय, इस तरह 20 कालखंड होगा, जो कि दो शिक्षको के लिए संभव ही नहीं है। माध्यमिक शाला में 105 दर्ज में प्रधान पाठक सहित चार शिक्षक, 6 विषय 18 कालखंड जिसमे विषय आधारित अध्यापन होता है। जहा सभी विषय विशेषज्ञ होना जरूरी है। यही स्थिति हाई स्कूल, हायर सेकेंडरी में भी बन रही है। इसके साथ ही बड़े पैमाने पर विभिन्न प्रकार की ऑफलाईन, ऑनलाइन जानकारी, बैठक, प्रशिक्षण, सर्वे आदि कार्य किया जाता हैं। इससे निश्चित ही शिक्षा की गुणवत्ता पर विपरित प्रभाव पड़ेगा।10 से कम दर्ज वाले शालाओं को बंद करने या एक ही परिसर के शालाओं को समायोजन करने पर अनुशासन व्यवस्था कमजोर होगा एवं संस्था प्रमुख अतिशेष होंगे। रसोइए व स्वीपर भी हटेंगे। कम दर्ज वाले शालाओं को बंद करना आम जनता के शिक्षा पर मौलिक अधिकार का हनन होगा।