प्राथना सभा में बीमारी ठीक कराने ले गये प्राथना, हुई देरी तो बीमार युवक की मौत
प्राथना सभा में बीमारी ठीक कराने ले गये प्राथना, हुई देरी तो बीमार युवक की मौत
जशपुर – जशपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रो में आज भी बिमारी ठीक कराने के लिए प्राथना सभा का प्रचलन जोरो पर है आये दिनों प्रार्थना सभा की आड़ में धर्म परिवर्तन के प्रयास के भी आरोप लगते रहे है इसके बावजूद इस तरह के मामलो में न तो कोई कमी देखी जा रही है और न ही इन पर किसी भी प्रकार कोई करवाई होता नजर आ रहा है यही वजह है की अन्य धर्म के लोगो को इनके लिए बरगलाना आम हो चला है ।ताजा मामले में पेट दर्द से पीड़ित एक युवक की इलाज करने में हुई देरी से मौत हो जाने का है मिली जानकारी के मुताबिक़ पत्थलगांव के नजदीकी ग्राम बहमा में एक युवक बुरी कदर पेट दर्द से पीड़ित था। परिवार के लोग इलाज करने के बाद कोई राहत नहीं मिलता देख प्राथना सभा में बीमार लोगो को थी करने के लिए प्राथना किये जाने की जानकारी लगने पर लुडेग के बीजापारा में स्थित एक घर पहुंचे जहा युवक का बीमारी से ठीक करने हेतु प्राथना का दौर शुरू हुवा तो देर रात को जब युवक की हालत बिगड़ने लगी तो उसे उपचार के लिए पत्थलगांव सिविल अस्पताल लाया गया और कुछ ही घंटो में उसकी मौत हो गयी । परिजनों का कहना है की उसकी मौत का देरी ही कारण बना है।
इतना ही नहीं बताया जाता है की युवक को जब अस्पताल लाया गया था तो भी प्राथना सभा के लोग अस्पताल में भी पीड़ित के पास बैठकर कुछ मंत्रोचार कर रहे थे। बताया जाता है कि इस कथित प्राथना सभा के चलते मरीज को उपचार मिलने में विलंब हुआ जिससे उसकी मौत हो गयी। परिजन बताते है की पेट दर्द से ग्रसित एक युवक जब अपना इलाज करा कर थक गया परंतु राहत नहीं मिली तो उसने गांव-गांव में बने प्रार्थना सभा की ओर रुख कर दिया, हालांकि गंभीर हालत में युवक को अस्पताल भर्ती कराए जाने पर युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई ।
परिजनों का आरोप है कि बीमार युवक प्रार्थना सभा में नहीं जाता तो समय से अस्पताल पहुंच जाता और उसका समुचित इलाज हो जाता। शायद उसकी जान बच जाती परंतु प्रार्थना सभा के चक्कर में अपना समय खराब कर देने से युवक की मौत हो गई। बता दे की मृतक का नाम परमानंद नाग पिता गंगा राम उम्र 37 बहमा निवासी है जो पेट दर्द की बीमारी से ग्रसित था और पत्थलगांव के लुडेग बिजापारा स्थित एक कथित तौर पर प्रार्थना घर में जाकर अपने बीमारी का इलाज प्रार्थना के माध्यम से कर रहा था परंतु देर रात जब उसकी स्थिति बिगड़ने लगी तो उसे पत्थलगांव सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां भोर तड़के उसकी मौत हो गई।