Kota-Update:-ऐ-भाई जरा देखके चलो करोड़ों की सड़क में गड्ढे-ही-गड्ढे गड्ढा खोदने की जरूरत नही सीधे पेड़-लगाओ।-
Kota-Update:-ऐ-भाई जरा देखके चलो करोड़ों की सड़क में गड्ढे-ही-गड्ढे गड्ढा खोदने की जरूरत नही सीधे पेड़-लगाओ।-
एडीबी से लाखो रूपए का मुआवजा-राशि प्राप्त कर भी बेजा-कब्जा किए बैठे है कब्जाधारी।*
पानी-निकासी की समस्या..सड़क के अगल बगल बेजा-कब्जे से आवगमन-अवरुद्ध..दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।
नगर के जिम्मेदार जनप्रतिनिधी-गणमान्य नेतागण-स्वागत सत्कार फोटो-फ्लेक्स-शुभकामनाए देने में व्यस्त…जनता सड़क में आएगी तभी जागेंगे।*
*दिनांक:-29/08/2024
*मोहम्मद जावेद खान हरित छत्तीसगढ।।
करगीरोड-कोटा: कोटा-थाने से लेकर रेल्वे-स्टेशन तक की कोटा नगर की सड़के पूरी तरह से खस्ताहाल हो चुकी है, करोड़ों की सड़क जो की अब गड्ढो में तब्दील हो चुके है, उन गड्ढो पर कुछ दिनों पहले पीडब्लूडी विभाग द्वारा लीपापोती की गई थी पर लगातार हो रही बारिश ने विभाग की लीपापोती को बारिश में बहाकर अपने साथ ले गई..मौजूदा समय के पूरे तीज त्यौहार इस रास्ते के गड्ढों से गुजर रहे हैं जिसका न तो संबंधित विभाग-संज्ञान ले रहा और ना ही कोटा नगर के सत्तापक्ष-विपक्ष के जनप्रतिनिधि-नेतागण..? सड़क के गड्ढे पटे न पटे पर कोटा-नगर वासियो को सड़क के किनारे बड़े-बड़े होर्डिंग में त्योहारों-जन्मदिन के शुभकामनाए के फ्लेक्स जरूर दिखाई देंगे.. बुनियादी-सुविधाएं से वंचित कोटा-नगर के आमजन भी इसी को विकास समझकर इसी गड्ढों से आगे गुजर जाते है।
बारिश के समय मेन रोड में कुछ वार्ड की नालियों का पूरा पानी मेन रोड की सड़कों पर बहते रहता है पूरी सड़क तालाब में तब्दील हो जाता है..सड़क के अगल-बगल बेजाकब्जा होने से पानी निकासी नही हो पाती जिसकी वजह से बारिश का पूरा पानी सड़कों में आ जाता है जिससे सड़को के गड्ढे दिखाई नही पड़ते और लोग दुर्घटना का शिकार हो जाते है..?
*बुधवार को शाम के समय कोटा नगर का फेमस भोले चाट भंडार के संचालक रोज की तरह अपने ठेले में पूरा साजो सामान लेकर निकल पड़े..पर उसे क्या पता था..की आज की रोजी सहित उसका पूरा साजो सामान कोटा नगर की सड़क के गड्ढे खा जायेंगे भोले चाट भंडार का ठेला सड़क के गड्ढों के बीच दुर्घटनाग्रस्त हो गया..ठेला का पहिया तो गया ही गया पूरा ठेले में रखा पूरा सामान भी सड़क और उसके गड्ढे खा गए इस महंगाई के दौर में रोज कुआ खोदकर पानी निकालने वाले मध्यमवर्गीय परिवार की पीड़ा न ही विभाग समझ सकता और न ही राजनीतिक-दलों के नेतागण…ठेले वाले को लगभग 05-हजार का नुकसान हुआ..जिसकी भरपाई अभी तक नही हुई करेगा भी कौन जबकि कोटा-नगर में एडीबी का लाखो रुपए का मुआवजा राशि पाकर भी बेजा कब्जाधारी डंके की चोट पर कब्ज़ा जमाए बैठे हुए हैं..और जिला सहित स्थानीय प्रशासन आंख मूंदे बैठा हुआ है।*
समाजिक कार्यकर्ता व कोलवाशरी के मुखर विरोध करने वाले दिलीप अग्रवाल ने हरित छत्तीसगढ से बात करते हुए क्या कोटा नगर के आमजनो ने अपना जनप्रतिनिधि चुना पर कोटा-नगर के जनप्रतिनिधियों द्वारा कोटा नगर की जनता को बुनियादी सुविधाओं बिजली-पानी-सड़क स्वास्थ से वंचित किया जा रहा है..आने वाले दिनो में एसडीएम-कोटा को ज्ञापन सौंपा जाएगा..अगर एक हफ्ते के अंदर कोटा नगर की सड़को को नही सुधारा गया तो सड़क पर उतरकर कोटा की जनता के सहयोग से जनांदोलन किया जाएगा चक्का जाम किया जाएगा।*