दिवंगत शिक्षाकर्मियों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति…. राज्य सरकार का संवेदनशील एवं मानवीय फैसला…. साय सरकार का ऐतिहासिक और अभूतपूर्व निर्णय – जाकेश साहू
दिवंगत शिक्षाकर्मियों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति…. राज्य सरकार का संवेदनशील एवं मानवीय फैसला….
साय सरकार का ऐतिहासिक और अभूतपूर्व निर्णय – जाकेश साहू
रायपुर //- प्रदेश सरकार ने आज एक ऐतिहासिक और बड़ा फैसला लेते हुए 2018 से पूर्व दिवंगत शिक्षाकर्मियों के परिजनों को योग्यतानुसार अनुकंपा नियुक्ति देने का संवेदनशील निर्णय लिया है।
दिवंगत शिक्षको के परिजनों के लिए अनुकंपा नियुक्ति की मांग को जून 2018 से जोर शोर से उठाने वाले छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के संस्थापक एवं प्रधान पाठक मंच छग के प्रांताध्यक्ष जाकेश साहू ने राज्य सरकार के उक्त फैसले का स्वागत करते हुए सरकार का धन्यवाद ज्ञापित और संबंधित लंबित अनुकंपा परिवार के परिजनों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ….
आज प्रदेश के 1,09,000 सहायक शिक्षक साथियों के सहयोग, सबकी उदारता, अनुकंपा पीड़ित बहन और संघ के प्रांताध्यक्ष माधुरी मृगे (माधुरी सुपरा) के ईमानदार नेतृत्व, उनके जज्बा, लगन, संघर्षशीलता तथा अनुकंपा नियुक्ति आंदोलन में सालभर तक रायपुर में हड़ताल में बैठने वाली उन सभी वीरांगना बहनों के जज्बे को सलाम और कोटि कोटि प्रणाम…..
जिन्होंने लगातार अनेक वर्षों से बिना किसी संसाधन के अपनी मांगों और उक्त आंदोलन को जिंदा रखा…..
आज उन सबकी जीत हुई है….
अनुकंपा पीड़ित आंदोलन में सहयोग करने वाले उन सभी दानदाताओं को भी दिल से नमन ….. जिन्होंने उक्त आंदोलन को तन मन और धन से सपोर्ट किया…..
मीडिया के उन सभी मित्रों को कोटि कोटि साधुवाद, धन्यवाद और आभार जिन्होंने पीड़ित अनुकंपा बहनों के आंदोलन व मांगो को हाइलाइट कर सरकार तक पहुंचाया ….
मित्रों, यह मुद्दा मूलतः दब चुका था और लोग इसे भूल चुके थे…. लोगो को लगा कि अब इसमें कुछ नहीं हो सकता… प्रदेश के सारे तथाकथित बड़े शिक्षाकर्मी संगठन उक्त विषय और मांग को भूल गए थे और छोड़ दिए थे……
लेकिन अनुकंपा पीड़ित माताओं, बहनों और संबंधित परिवार के उन नादान व बेसहारा बच्चों का दर्द हमारे दिल को कहीं न कही समय समय पर उद्देलित करता था….
जब हमने जून 2018 में वर्ग तीन के वेतन विसंगति आंदोलन का आगाज किया और *छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन* की नींव रखी तब चार सूत्रीय मांग पत्र बनाया जिसमें *दिवंगत शिक्षाकर्मी भाइयों एवं बहनों के परिजनों के लिए अनुकंपा नियुक्ति की मांग* …… ये रखा था….
तब से यह मुद्दा काफी ज्यादा हाइलाइट हुआ… इसके बाद संबंधित लंबित अनुकंपा नियुक्ति पीड़ित परिवारों के परिजन फिर से संगठित हुए…. और मांग काफी जोर पकड़ा….
पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में लंबित अनुकंपा पीड़ित बहनों ने राजधानी रायपुर में लगभग एक साल तक अब तक का सबसे लंबा, कठिन व ऐतिहासिक आंदोलन किया था…..
जब तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार ने इनकी मांगे नहीं मानी तब इन दिवंगत शिक्षक साथियों के पीड़ित विधवा पत्नियों ने अपना केश त्याग कर सामूहिक मुंडन करवाकर सरकार की अर्थी निकाली और राज्य सरकार को चुनाव हारने का कठोरतम श्राप दे दिया था….. फिर भी सरकार ने इनकी मांगे को नहीं मानी थी… और भूपेश सरकार को इन विधवा बहनों की बददुआ और श्राप लग गई …. और बाद में सरकार की विधानसभा चुनाव में हार हो गई थी….
उसी समय पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और भाजपा नेताओं ने इनके पंडाल में आकर इनसे वादा किया था कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाने पर इन पीड़ित, गरीब, असहाय और लाचार बहनों की मांगो को पूरा किया जाएगा तथा इन सबको अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी…..
आज प्रदेश की विष्णु देव साय सरकार ने इनकी मांगे पूरी की है…. निश्चित रूप से यह राज्य की भाजपा सरकार का एक बड़ा, ऐतिहासिक फैसला है जो मानवीय संवेदना का विषय है….
उक्त फैसले के लिए राज्य सरकार…. मुख्यमंत्री माननीय श्रीमान विष्णुदेव साय जी, विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्रीमान डॉ रमन सिंह जी एवं मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों को कोटि कोटि साधुवाद…. सादर आभार….. एवं दिल से बहुत बहुत धन्यवाद…..
प्रदेश के समस्त लंबित अनुकंपा पीड़ित माताओं/बहनों/पुत्र/पुत्रियों एवं पीड़ित/असहाय/बेसहारा/गरीब परिवार के सभी सदस्यों को प्रणाम करते हुए दिल से बहुत बहुत बधाइयां….