इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति ने किया केवीके का भ्रमण कहा कश्मीर की ट्यूलिप की तरह एक दिन जशपुर को भी जाना जाएगा गेंदे की फूल से
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति ने किया केवीके का भ्रमण कहा कश्मीर की ट्यूलिप की तरह एक दिन जशपुर को भी जाना जाएगा गेंदे की फूल से
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के कुलपति डॉ गिरीश चंदेल का दौरा सोमवार को कृषि विज्ञान केन्द्र,जशपुर में हुआ। जिसमें मुख्यरूप से इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक अनुसंधान सेवाएं-डॉ. विवेक त्रिपाठी, निदेशक विस्तार सेवाएं – डॉ. एस.एस. टुटेजा, निदेशक प्रक्षेत्र-डॉ. राजेन्द्र लाखपाले उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ कृषि विज्ञान केन्द्र के सभाकक्ष में छत्तीसगढ़ महतारी के छायाचित्र में द्वीप प्रज्जवलित कर किया गया, तत्पश्चात् कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. राकेश भगत के द्वारा कुलपति डॉ चंदेल सहित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय से अतिथियों और उपस्थित कृषकों को कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रक्षेत्र में चल रहे गतिविधियों एवं प्रक्षेत्र में स्थापित विभिन्न ईकाईयों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दिया गया। वहीं कार्यक्रम में किसानों को संबोधित करते हुए, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के कुलपति डॉ चंदेल के द्वारा केवीके के द्वारा क्षेत्र में हो रहे नवाचार एवं किसानों को मिल रही नई नई तकनीकी जानकारी से किसान लाभान्वित होने के साथ समृद्ध हो रहे, और आए कैसे जागरूक होकर किसान अच्छा लाभ ले सकता हैं, और नवाचार की ओर कैसे आगे बढ़े उस पर चर्चा करते हुए केवीके डुमरबहार की प्रशंसा की। वहीं उनके द्वारा किसान मोती बंजारा के द्वारा केवीके से जुड़ कर नवाचार करके अच्छा आमदनी लेते हुए, दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बने हैं, कहते हुए कहा गया कि कश्मीर की ट्यूलिफ फुल की दुनिया में एक अलग पहचान है उसी प्रकार एक दिन आपका यह क्षेत्र के साथ पूरा जशपुर को गेंदें की फूल के नाम से जाना जायेगा। आज एक किसान को देख कर अगर 10 किसान गेंदें की खेती करने लगे हैं तो देखते ही देखते कब 100 से हजार हो जायेगा। उन्होंने आगे कहा कि स्व सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा जीराफूल की सुगंधित किस्म की जैविक धान का उत्पादन ले रही है जिसको लेकर डॉक्टर चंदेल के द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र डूमरबाहर को निर्देशित किया गया है कि जैविक जिराफुल चावल की मांग को देखते हुए 25किग्रा की पैकेजिंग और ग्रेडिंग के साथ रायपुर सहित बड़े शहरों में मार्केटिंग बनाने की बात कही है, जिससे कि समूह के महिलाओं और और समृद्ध और सशक्त बनाया जा सके। वहीं कृषि विज्ञान केन्द्र में कृषकों हेतु संचालित होने वाले कार्यक्रमों जैसे कि समूह अग्रिम पंक्ति एवं आदिवासी उप-योजना का लाभ लेने की बात कहा गया। कृषि विज्ञान केन्द्र प्रक्षेत्र में लगे फसल धान एवं रामतिल के प्रक्षेत्र का भ्रमण किया गया है जिसमें फसल अच्छी उपज की कामना एवं समय पर कटाई किये जाने हेतु निर्देशित किया गया साथ ही रामतिल फसल को आगामी समय में कृषकों के प्रक्षेत्र में रकबा बढ़ाकर लगवाने हेतु कहा गया।
इस दौरान कृषि विज्ञान केन्द्र के लॉन में लगे स्टॉल में महिला स्व-सहायता समूह द्वारा उत्पाद जैसे कटहल (बिस्किट व चिप्स), रागी-बिस्किट सुगंधित धान एवं महुआ लड्डू का भ्रमण वैज्ञानिकगण द्वारा किया गया है साथ ही प्रसंस्करण इकाई में कार्य कर रहे महिला समूह के साथ चर्चा किया गया, जिसमें महिला समूह द्वारा बताया गया कि हमारे द्वारा उत्पाद को लोकल मार्केट में बेचा जा रहा है साथ ही साथ यहां के उत्पाद को रायपुर जैसे महानगर में भी सप्लाई किया जा रहा है जिससे हमारे आय में वृद्धि एवं हम महिलायंे सशक्त हो रहे हैं। उपस्थ्ति महिला समूह द्वारा एक स्वर में कहागया कि उक्त प्रसंस्करण कार्य कृषि विज्ञान केन्द्र, डूमरबहार के तकनीकी मार्गदर्शन में किया जा रहा है। जशपुर जिले के अंतर्गत ग्राम विछीकानी के कृषक श्री मोती बंजारा द्वारा फूलों को स्टॉल लगाया गया था जो आकर्षण का केन्द्र बना रहा जिसमें कृषक के साथ फूलों की खेती को लेकर काफी समय तक चर्चा किया गया साथ ही कृषक श्री मोती बंजारा द्वारा बताया गया कि फूलों की खेती पिछले 10 साल से करता आ रहा हूं, साथ केवीके के मार्गदर्शन से ड्रिप सिंचाई और नेट हाउस जैसे नए नए तकलीफ का उपयोग करने से आय में वृद्धि हुआ है जिस कारण मैं एवं मेरा पुरा परिवार कृषि विज्ञान केन्द्र डूमरबहार को धन्यवाद देते हैं साथ ही यह भी कहा कि आज मैं जिस जगह पर हूं उसका पूरा श्रेय कृषि विज्ञान केन्द्र एवं उनके वैज्ञानिकों को जाता है।
माननीय कुलपति महोदय एवं टीम का प्रक्षेत्र भ्रमण के दौरान प्रक्षेत्र में स्थापित मशरूम स्पॉन लैब इकाई भवन का लोकापर्ण भी किया गया, इस दौरान कुलपति जी द्वारा कहा गया कि इस ईकाई का निर्माण होने से स्थानीय लोंगों को जिलें में मशरूम की बीज आसानी से उपलब्ध होगा एवं यहां के कृषकगण कृषि विज्ञान केन्द्र से संपर्क कर इसकी खेती से आय में वृद्धि कर सकते हैं, वही केवीके डुमरबहार से अधिक से अधिक किसान जुड़ कर नवाचार और तकनीकी जानकारी के भरपूर लाभ लेने के लिए किसानों से आग्रह किया है। साथ ही प्रक्षेत्र में MIDH अंतर्गत स्थापित फैन पैड पॉली हाउस एवं ग्रीन शेड नेट का लोकार्पण भी किया गया।
डॉ. चंदेल एवं टीम द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र प्रक्षेत्र का भ्रमण किया गया जिसमें संचालित बायोफ्लाक इकाई, सीड ग्रेडिंग ईकाई, पशुपालन ईकाई एवं मातृवाटिका अवलोकन किया गया। कार्यक्रम के अंत में कुलपति द्वारा उपस्थित महिला समूह को मिनी राईसमिल, उद्यानिकी कीट एवं स्प्रेयर का वितरण किया गया इस दौरान जिले के कृषकगण, महिला समूह, यंग प्रोफेशनल बलराम सोनवानी, कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक प्रदीप कुजूर सहित स्टॉफ-लेपाराम, मनोज नारंगे, अभय, जीवन एवं बच्चन सहित सैकड़ों कि संख्या में जिले के किसान उपस्थित रहे।