


पत्थलगांव।जशपुर जिले के पत्थलगांव सिविल अस्पताल में उस वक्त एक गजब नजारा देखने को मिला जब 100 बेड वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को चाय-नाश्ता और भोजन सप्लाई के लिए टेंडर खोला गया। लेकिन टेंडर खुलते ही वहां बैठे अफसरों की आंखें फटी की फटी रह गईं और माथे पर बल पड़ गए।दरअसल, 7 वेंडरों में से 6 वेंडरों ने भोजन के रेट में ऐसा “मिलाप” दिखाया कि प्रशासन ही उलझन में पड़ गया। सभी छह वेंडरों ने अंतःरोगी भोजन के लिए 120 रुपए और मातृत्व सुरक्षा भोजन के लिए 200 रुपए का एक जैसा रेट भरा था — जैसे किसी ने WhatsApp ग्रुप में कॉपी-पेस्ट करवा दिया हो!केवल एक ‘पुराने’ वेंडर ने थोड़ी हिम्मत दिखाई और 145 एवं 245 रुपए का रेट डाल दिया। अब प्रशासन असमंजस में है कि ये वेंडर भाई-भाई हैं या रेट के पीछे कोई छुपा हुआ ‘सत्य’?

हालात और भी दिलचस्प तब हो गए जब इन छह में से पांच वेंडरों ने आपसी सहमति से एक महिला सहायता समूह के नाम पर टेंडर देने का “सहमति पत्र” प्रशासन को सौंप दिया — यानी भाईचारे की मिसाल पेश कर दी!

अब टेंडर मामला स्वास्थ्य से ज़्यादा “सामूहिक समझदारी” का हो गया है और पाला जिला स्वास्थ्य अधिकारी के पाले में आ चुका है।
