बीएड धारी सहायक शिक्षकों के हड़ताल को छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक मंच का खुला समर्थन
बीएड धारी सहायक शिक्षकों के हड़ताल को छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक मंच का खुला समर्थन
रायपुर //-
विगत दिनों से प्रदेश के 2900 बीएड धारी सहायक शिक्षकों का राजधानी रायपुर में लगातार हड़ताल जारी है। उक्त हड़ताल को छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक मंच ने अपना खुला समर्थन दिया है।
“छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक मंच” के प्रदेशाध्यक्ष जाकेश साहू, कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष परस राम निषाद, जिलाध्यक्षद्वय पुरुषोत्तम शर्मा, परमेश्वर साहू, महेश्वर कोटपरहिया, महेंद्र टंडन, बरत राम रत्नाकर, निर्मल भट्टाचार्य, धन्नू साहू, उत्तम कुमार जोशी, एवं प्रदेश, जिला व ब्लाक पदाधिकारीगण उज्जवल चंद्रा, अभिमन्यु बघेल, रंजिता बरेठ, राजूकुमार संवरा, मयाराम सतरंज, ईशा नायक…….
……..राधेश्याम चंद्रा, यशवंती, धीवर, मनीराम केंवट, सुन्दर साहू, पुष्पेन्द्र बनाफर, नरेशचंद्रा, दादूलाल चंद्रा, मुकेश नायक, धर्मेंद्र रजक, गुणक चौधरी, रंजीत गुप्ता, सगुन तिवारी, गणपत राव, राधेश्याम धीवर, राजेश पाठक, अजित नेताम, विजेंद्र पाठक, श्याम केंवट, सुजाता त्रिपाठी, अजय भट्ट, कुमार पाठक, त्रिवेणी राजपूत, नामदेव सिंह आदि ने संयुक्त रूप से बयान जारी करके कहा है कि बीएड धारी सहायक शिक्षक सभी छत्तीसगढ़ प्रदेश के नागरिक हैं एवं प्रदेश के ही युवा साथी हैं।
जो यहां के किसान और मजदूर आदि के पुत्र पुत्रियां हैं। इनकी नौकरी शासन के नियमों के मुताबिक लगी है। तत्कालीन छत्तीसगढ़ प्रदेश सरकार ने जो नियम बनाए थे उन्हीं नियमों के तहत इन सहायक शिक्षकों की भर्ती हुई है।
संघ के प्रांत अध्यक्ष जाकेश साहू ने कहा है कि शासन द्वारा कर्मचारियों एवं शिक्षकों के भर्ती नियमों पर समय-समय में बदलाव एवं संशोधन किया जाता है।
अब उक्त नियमों में बदलाव के कारण इन शिक्षकों को हटाना कतई उचित नहीं है। पूर्व में भी बीएड धारी अभ्यर्थियों को सहायक शिक्षक के पदों पर नियुक्ति दी गई है। ऐसे में नियमों का हवाला देकर
इन्हें नौकरी से हटाना किसी भी सूरत में उचित नहीं है।
संगठन ने प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री माननीय विष्णुदेव साय एवं राज्य सरकार से यह मांग की है कि सहायक शिक्षकों के 2900 और नए पद सृजित कर इन सहायक शिक्षकों को उन पदों में सामाजिक किया जाए।
संघ ने प्रदेश के समस्त शिक्षक साथियों से अपील की है कि बीएड धारी सहायक शिक्षकों के वर्तमान में चल रहे हड़ताल में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित हो एवं उनके हड़ताल का खुला समर्थन करें।