पीएम जनमन योजना से बदली बिरहोर परिवारों की तक़दीर

कच्चे झोपड़ी से पक्के मकानों तक का सफर

रायपुर,

कच्चे झोपड़ी से पक्के मकानों तक का सफर

पीएम जनमन योजना ने छत्तीसगढ़ के सुदूर वनांचलों में बसे विशेष पिछड़ी जनजातियों के जीवन में आश्चर्यजनक बदलाव ला दिया है। रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ विकासखंड अंतर्गत जबगा और लैलूंगा क्षेत्र के कुर्रा गांव के बिरहोर परिवारों को इस योजना के माध्यम से कच्चे झोपड़ों से निकालकर पक्के मकानों में बसाया गया है। यह बदलाव न केवल उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार लेकर आया है, बल्कि उन्हें सुरक्षा और स्थिरता की भी नई अनुभूति करा रहा है।

धरमजयगढ़ से 20 किलोमीटर दूर स्थित जबगा गांव में रहने वाले 7 बिरहोर परिवार वर्षों से घने जंगलों के समीप झोपड़ियों में रहकर जीवन यापन कर रहे थे। वे रस्सी और नेवार बनाने जैसे पारंपरिक कार्यों से अपनी आजीविका चलाते थे। हर साल बारिश और तूफानों के चलते उनके कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचता था, जिससे उन्हें बार-बार मरम्मत करनी पड़ती थी। लेकिन पीएम जनमन योजना के अंतर्गत इन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना से पक्के मकान मिले हैं, जिससे अब वे सम्मानपूर्वक और सुरक्षित जीवन जी रहे हैं।

इसी तरह रायगढ़ जिले के अंतिम छोर पर स्थित कुर्रा गांव में भी बिरहोर समुदाय के 10 परिवारों को एक व्यवस्थित कॉलोनी के रूप में बसाया गया है। इन पक्के मकानों के साथ-साथ स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण, पेयजल, बिजली और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं। इन कॉलोनियों का ले-आउट विशेष रूप से समुदाय की सामाजिक संरचना को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, जिससे सभी परिवार एकजुट रह सकें। इन पक्के मकानों ने न सिर्फ इन परिवारों को छत दी है, बल्कि उन्हें बरसात, जंगली जानवरों और बीमारियों से भी सुरक्षा प्रदान की है।

 बिरहोर परिवारों ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को धन्यवाद देते हुए कहा कि हमें कभी उम्मीद नहीं थी कि हमारे जैसे लोगों को भी पक्का मकान मिलेगा। अब हमें भी समाज में बराबरी का एहसास हो रहा है। पीएम जनमन योजना, विशेष पिछड़ी जनजातियों को मुख्यधारा में जोड़ने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रही है। 

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