भारत माला सड़क मुआवजा भुगतान मिलने से ग्रामीणों का इनकार, प्रशासन असमंजस में,बाहरी राजनीतिक हस्तक्षेप का परिणाम

 

नीरज गुप्ता संपादक
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भारत माला सड़क मुआवजा भुगतान मिलने से ग्रामीणों का इनकार, प्रशासन असमंजस में,बाहरी राजनीतिक हस्तक्षेप का परिणाम
पत्थलगांव।।भारत माला सड़क परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण मुआवजा विवाद को लेकर ग्राम बूढ़ाडांड के किसानों द्वारा उठाई गई मांगें प्रशासन द्वारा पूरी कर दी गई हैं। प्रशासन ने प्रभावित किसानों के मुआवजा प्रकरण का समाधान करते हुए भुगतान प्रकरण तैयार कर खाते में भुगतान कर दिए हैं। लेकिन, ग्रामीणों ने भुगतान मिलने से इनकार कर दिया, जिससे स्थिति को लेकर नए सवाल खड़े हो गए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्राम बूढ़ा डांड के प्रभावित किसानों जोगेंद्र, बुधराम, सुकरू राम को 1,61,137, मिठाई लाल पिता घसिया को 34,529, संजीवन और रंजिता मीना को 5,83,162, और दुर्योधन प्रसाद व देवानंद को 26,856 का मुआवजा चेक दिया जाना था। लेकिन जब प्रशासन ने इन को खाते में भुगतान करने की प्रक्रिया शुरू की, तो ग्रामीणों ने भुगतान मिलने से इनकार कर दिया।
ग्रामीणों के इस निर्णय से प्रशासन हैरान है। जहां पहले ग्रामीण कम मुआवजा मिलने की बात कहते हुए मुआवजा दर बढ़ावा लिए जिससे हुई देरी की वजह से मुआवजा न मिलने के कारण लामबंद होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, वहीं अब भुगतान खाते में जाने के बावजूद भुगतान मिलने से इनकार से स्थिति जटिल हो गई है। आशंका जताई जा रही है कि ग्रामीणों को किसी ने भड़काया है या वे मुआवजा राशि से असंतुष्ट हैं।
प्रशासन का पक्ष
प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि किसानों की मांगों के अनुरूप मुआवजा तय किया गया है और उन्हें राहत प्रदान करने के लिए भुगतान खाते में डाले जा रहे है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि परियोजना के कार्य को बाधित नहीं होने दिया जाएगा।
ग्रामीणों ने इस विषय पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। लेकिन यह तय है कि मुआवजा चेक न लेने के पीछे कोई बड़ी वजह है। कुछ ग्रामीण सूत्रों का कहना है कि वे बस किसी तरह कार्य में रुकावट चाहते हैं, जबकि कुछ अन्य इसे बाहरी राजनीतिक हस्तक्षेप का परिणाम मान रहे हैं।
परियोजना पर असर
मुआवजा विवाद के चलते भारत माला सड़क परियोजना का निर्माण कार्य पहले से ही बाधित है। अब यह नया घटनाक्रम परियोजना के कार्य में और भी देरी का कारण बन सकता है। प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द भुगतान लेकर विवाद को समाप्त करें ताकि परियोजना कार्य सुचारू रूप से आगे बढ़ सके।

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