“कांग्रेस का आग़ बबूला प्रदर्शन, पुतले के साथ पुलिस भी हल्की झुलसी!“

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Haritchhattisgarh
जशपुर। दुर्ग की एक मासूम बच्ची के साथ हुई अमानवीय घटना के विरोध में पत्थलगांव में कांग्रेस का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया। गुस्से में कांग्रेसियों ने सरकार को याद दिलाया कि जशपुर में भी यही हाल है ये “गृह जिला” है, कोई क्राइम स्पॉट नहीं! आरोप लगाया वारदात पर वारदात लेकिन सरकार… अब तक ‘नींद की गोली’ के असर में लग रही है।
प्रदेश कांग्रेस महासचिव आरती सिंह ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के घर के आंगन में ही अपराध पल रहे हैं, और सरकार “सब चंगा सी” वाले मोड में चल रही है। जिले के तुमला में सरपंच की हत्या हो या पत्थलगांव में ‘लाश पर लाश’ का सिलसिला—कानून व्यवस्था तो मानो छुट्टी पर है।
पवन अग्रवाल बोले, “अब ये सुशासन नहीं, कुशासन का महोत्सव चल रहा है।” कुलविंदर सिंह भाटिया ने तो सीधा इस्तीफे की बात कह दी—हालांकि वो सिर्फ मांग कर रहे थे!
अब बात करते हैं पुलिस बनाम पुतला पार्टी की! पुलिस पुतला रोकने इंदिरा चौक पर टाइट खड़ी थी, लेकिन कांग्रेसियों ने चालाकी से “चकमा चाल” खेली और हरियाणा पंचायती धर्मशाला के रास्ते रैली लेकर पुतला जला दिया। फिर क्या था, पुलिस दौड़ी, कार्यकर्ता भागे, और माहौल ऐसा हुआ जैसे कोई फिल्मी क्लाइमेक्स चल रहा हो। एक पुलिसवाले और कुछ कार्यकर्ताओं के कपड़े तक झुलसते-झुलसते बचे—पर किसी की जोश में कमी नहीं आई!