वरिष्ठता बहाली, पदोन्नति, लैब शिक्षक नियुक्ति और हाई स्कूल सेटअप में सुधार की रखी गई माँग
रायपुर (छत्तीसगढ़), 12 अप्रैल 2025 — मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा प्रदेश में जन समस्याओं के निराकरण हेतु प्रारंभ किए गए सुशासन तिहार के तहत प्रदेशभर से आमजन अपनी समस्याएं सरकार के समक्ष रख रहे हैं। इसी क्रम में स्थानांतरित संगठन के प्रमुख श्री लालबहादुर साहू ने शिक्षकों की वर्षों से लंबित मांगों पर मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित करते हुए एक ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि पंचायत विभाग से स्थानांतरित लगभग 27,000 शिक्षक वरिष्ठता से वंचित हैं और वर्तमान नियमों के कारण बिना एक भी पदोन्नति पाए ही सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इस अन्याय को दूर करने हेतु उन्होंने निम्न प्रमुख मांगें रखी हैं:
1. वरिष्ठता बहाल कर पदोन्नति प्रदान की जाए
वर्ष 1998, 2005 और 2008 में नियुक्त हुए अनुभवी शिक्षकों को सेवा के प्रथम दिन से वरिष्ठता दी जाए तथा सिविल सेवा नियम 1961, नियम 12(ख) के अंतर्गत व्याख्याता और प्राचार्य के पद पर पदोन्नति का प्रावधान किया जाए।
2. समयमान वेतनमान और क्रमोन्नति लाभ
शिक्षकों को 10, 20 और 30 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर प्रथम नियुक्ति तिथि से क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय क्रमोन्नति/समयमान वेतनमान का लाभ दिया जाए।
3. लैब शिक्षक नियुक्ति में गणित को प्राथमिकता और कार्य मुक्ति
हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में लैब शिक्षकों की नियुक्ति में 12वीं गणित विषयधारी अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाए। साथ ही उन्हें विज्ञान शिक्षकों के सहयोग हेतु केवल प्रयोगशाला संचालन में लगाया जाए और अध्यापन कार्य से मुक्त रखा जाए।
4. हाई स्कूल सेटअप में आंशिक सुधार
विज्ञान शिक्षा की गुणवत्ता के लिए भौतिकी, रसायन और जीवविज्ञान विषयों में विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति और पदोन्नति सुनिश्चित की जाए। 2008 के विषयवार सेटअप को बिना बदले ही युक्तियुक्तकरण (Rationalization) किया जाए।
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि जब तक हाई स्कूल सेटअप में आंशिक सुधार और वरिष्ठता की बहाली नहीं होती, तब तक व्याख्याता और प्राचार्य के पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू न की जाए। साथ ही सभी लाभों की गणना प्रथम नियुक्ति तिथि से की जाए, ताकि O.P.S. (पुरानी पेंशन योजना) का लाभ भी उसी आधार पर मिल सके।
श्री साहू ने कहा कि सरकार द्वारा कई वादे किए गए थे, लेकिन आज तक महंगाई भत्ते का एरियर भी नहीं दिया गया है। यदि राज्य सरकार इन मांगों पर त्वरित कार्यवाही करती है, तो प्रदेश के 1.80 लाख शिक्षक संवर्ग इसके लिए सदैव आभारी रहेंगे।