बिग ब्रेकिंग – —————-(बड़ी खबर)—————–अब फेडरेशन भी कूदा मैदान में …. युक्ति युक्तिकरण के विरोध में मंत्रालय घेराव को छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन का खुला समर्थन ….संगठन के

अनेकों घटक दलों ने मंत्रालय घेराव का किया पुरजोर समर्थन…. 28 को उमड़ेगा शिक्षक व कर्मचारियों का जन सैलाब…

रायपुर //- युक्त युक्तिकरण के विरोध में शिक्षकों के साथ-साथ अब छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन भी मैदान में कूद पड़ा है। कल 28 मई का मंत्रालय घेराव अब ऐतिहासिक होगा। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रदेश संयोजक कमल वर्मा, तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी, छत्तीसगढ़ शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश चटर्जी, छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष हरी शर्मा सहित प्रदेश के अनेक कर्मचारी संगठनों ने अब युक्त युक्तिकरण का पुरजोर विरोध करते हुए 28 के मंत्रालय घेराव का खुला समर्थन किया है। शिक्षक साझा मंच छत्तीसगढ़ के प्रदेश संचालकगण केदार जैन, राजनारायण द्विवेदी, कृष्ण कुमार नवरंग, विकास राजपूत एवं जाकेश साहू ने बताया कि सोमवार 26 मई को राजधानी के शंकर नगर स्थित छत्तीसगढ़ राजपत्रित कर्मचारी अधिकारी संगठन के प्रांतीय कार्यालय में “छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन” एवं “शिक्षक साझा मंच छत्तीसगढ़” की संयुक्त बैठक आयोजित हुई।

उक्त बैठक में “शिक्षक साझा मंच छत्तीसगढ़” के अंतर्गत 23 शिक्षक संगठनों के अलावा “छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन” के अनेक घटक दल उपस्थित थे। जिन्होंने सर्वसम्मति से एक स्वर में यह निर्णय लिया कि राज्य सरकार द्वारा वर्तमान में किए जा रहे विसंगतिपूर्ण युक्तिकरण का प्रदेश के सारे कर्मचारी संगठन एक होकर विरोध करेंगे। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन सहित अन्य अनेक कर्मचारी संगठनों के समर्थन के बाद अब यह तय हो गया है कि 28 मई के मंत्रालय घेराव में प्रदेश भर के शिक्षको का जन सैलाब राजधानी पहुंचेगा। इस संबंध में बैठक को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष कमल वर्मा, छत्तीसगढ़ शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश चटर्जी, छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवार, छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष हरी शर्मा आदि ने कहा कि 28 तारीख के मंत्रालय घेराव का उनका संगठन खुला समर्थन करता है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा एक सुनियोजित तरीके से सरकारी स्कूलों में कर्मचारियों की संख्या को कम की जा रही है। जगह-जगह प्राइवेट स्कूल खुल रहे हैं। प्राइवेट स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक है। एक कक्षा के लिए एक शिक्षक है। निजी प्राथमिक शालाओं में पांच कक्षा के लिए पांच शिक्षक एवं अन्य स्टाफ भी है। इस प्रकार प्राइवेट स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक होने से वहां की पढ़ाई लिखाई अच्छी होती है।

प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों को अन्य गैर शिक्षकीय कार्य भी नहीं करना पड़ता। वे शिक्षक साल भर पढ़ाई लिखाई करते हैं। जबकि सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को पढ़ाई के अलावा सैकड़ो प्रकार के गैर शिक्षकीय कार्य करना पड़ता है। सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों के 2008 के सेटअप को भंग करते हुए स्कूलों में कर्मचारियों की संख्या को घटाया जा रहा है, सरकारी प्राइमरी स्कूलो में जहां पहले तीन शिक्षक होते थे वहां अब मात्र दो ही शिक्षक रखते हुए एक शिक्षक के पद को हमेशा के लिए खत्म किया जा रहा है। प्रधान पाठको के लगभग सारे पदों को समाप्त किया जा रहा है, लगभग चार हजार स्कूलों को बंद किया जा रहा है। ऐसे में दो शिक्षको द्वारा 60 बच्चों के स्कूलो की व्यवस्था को संभालना सिर्फ मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है। क्योंकि एक शिक्षक का ड्यूटी विभागीय कार्यों के साथ-साथ अन्य बहुत सारे कार्यों में रहता है। सरकार के इस प्रकार की नीति का उन्होंने खुला विरोध किया और कहा कि सरकार युक्तिकरण 2008 के सेटअप से छेड़छाड़ ना करें अन्यथा आने वाले दिनों में व्यापक आंदोलन होगा। सभी कर्मचारी नेताओं ने आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि युक्त युक्तिकरण सरकारी स्कूलों को कमजोर करने एवं बंद करने की एक बड़ी साजिश है। सरकार निजीकरण को बढ़ावा दे रहा है। सरकारी नौकरियों को खत्म की जा रही है। ऐसे में प्रदेश के कर्मचारीयों को अपने हक और अधिकार के लिए एक होनी चाहिए साथ ही स्कूलों एवं शिक्षकों को बचाने के लिए एकजूट होकर आंदोलन करने की जरूरत है। कर्मचारी नेताओं ने सरकार से आग्रह किया कि युक्तिकरण में 2008 का सेटअप लागू किया जाए। प्राइमरी स्कूलों में दो अनुपात एक अर्थात न्यूनतम तीन शिक्षक साथ ही मिडिल स्कूलो में एक अनुपात चार अर्थात कुल पांच शिक्षक की व्यवस्था होनी चाहिए। हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में सभी विषयों के पर्याप्त मात्रा में विषय आधारित शिक्षक होनी चाहिए। शिक्षक साझा मंच छत्तीसगढ़ एवं कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने संयुक्त रूप से बयान जारी करते हुए प्रदेश के समस्त दो लाख शिक्षक संवर्ग सभी कर्मचारियों से अपील की है कि कल 28 तारीख को होने वाले मंत्रालय घेराव में अधिक से अधिक संख्या में राजधानी रायपुर के धरना स्थल तूता मैदान पहुंचे तथा उक्त आंदोलन में शामिल होकर अपने हक व अधिकार की लड़ाई में भाग लेने के साथ ही सरकार द्वारा षडयंत्र पूर्वक स्कूलों को बंद करके एवं शिक्षकों की संख्या घटाकर निजीकरण को बढ़ावा देने वाले षड्यंत्र को पर्दाफाश करते हुए इसका पुरजोर विरोध कर आंदोलन को सफल बनाएं। आज के बैठक में फेडरेशन के प्रदेश संयोजक कमल वर्मा सहित अन्य संगठनों के प्रदेश अध्यक्षगण राजेश चटर्जी, चंद्रशेखर तिवारी, हरी शर्मा एवं साझा मंच के तहत सभी संगठनों के प्रदेश अध्यक्ष/प्रतिनिधि केदार जैन, विकास राजपूत, कृष्णकुमार नवरंग, राजनारायण द्विवेदी, जाकेश साहू, शंकर साहू, चेतन बघेल, कमल दास मुरचले, प्रीतम कोशले, विक्रम राय, विष्णु प्रसाद साहू, ताराचंद जायसवाल, उत्तम देवांगन, योगेश सिंह, सिराज बख्श, ईश्वर चंद्राकर, डा.गोपा शर्मा, कलाराम मल्होत्रा सहित अनेक पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित थे।

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