अम्बिकापुर जिले ने सिंचाई क्षमता में विस्तार और कृषि उत्पादन को बेहतर बनाने के लिए बीते दो सालों में उल्लेखनीय प्रयास हुए हैं। विगत दो वर्षों में अम्बिकापुर जिले को कुल 23 सिंचाई योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हुई है, जिसकी लगभग 81 करोड़ 48 लाख रुपये है। सिंचाई परियोजनाओं के क्रियान्वित होने से 30 गांवों की 3374 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में 17 सिंचाई योजनाओं जिनकी लागत 59.96 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली है। इन योजनाओं से 21 गांवों की 2350 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। इस अवधि में जलाशयों, नहरों, पक्के चौनलों, एनीकट, स्टॉपडेम तथा काजवे निर्माण जैसे कार्य शामिल हैं। तिरकेला, तुर्रापानी, सायर एवं कोट जलाशय योजनाओं के जीर्णाेद्धार कार्यों के साथ 13 अन्य एनीकट एवं स्टॉपडेम परियोजनाएं भी स्वीकृत की गई हैं, जिनसे खरीफ एवं रबी दोनों सीजन में सिंचाई क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में 21.52 करोड़ रुपये की लागत से 06 नई योजनाओं को स्वीकृति प्राप्त हुई है। इन योजनाओं के पूरा होने से 09 गांवों की 1024 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। प्रमुख परियोजनाओं में घाघारिया व्यपवर्तन, कुंवरनाला स्टॉपडेम, पंडरीडांड जलाशय नहर जीर्णाेद्धार, घंघरी एनीकट, जजगा गोठान एनीकट एवं डांडगांव जलाशय सुधार कार्य शामिल हैं।
कार्यपालन अभियंता, जल संसाधन संभाग क्रमांक-1, अम्बिकापुर ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में विभाग का लक्ष्य अधिकतम कृषि भूमि को सिंचाई के दायरे में लाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना है। सभी स्वीकृत योजनाओं को समय-सीमा में पूर्ण करने हेतु प्रभावी रूप से कार्य किया जा रहा है।
