जशपुर जिले की ऐतिहासिक उपलब्धि , कृत्रिम गर्भाधान से जन्मी प्रथम पुंगनुर मादा वत्स, पशु नस्ल सुधार में नई दिशा

नीरज गुप्ता संपादक मो न-9340278996

जशपुर। जशपुर जिले ने पशुपालन क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है। कृत्रिम गर्भाधान पद्धति के माध्यम से जिले को पहली बार पुंगनुर नस्ल की मादा वत्स (बछिया) प्राप्त हुई है। यह उपलब्धि जिले के पशु चिकित्सालय पत्थलगांव में पदस्थ सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी श्री के.के. पटेल के अथक प्रयासों से संभव हो सकी। श्री पटेल ने ग्राम करमीटिकरा, करूमहुआ के किसान श्री खगेश्वर यादव की देशी गाय को पुंगनुर नस्ल के सांड़ के हिमकृत वीर्य से दिनांक 29 जनवरी 2025 को गर्भित किया था। लगभग 284 दिनों के गर्भकाल के बाद गाय ने 11 नवंबर 2025 को एक स्वस्थ पुंगनुर मादा वत्स को जन्म दिया जो जिले के लिए गर्व का क्षण बन गया।

पुंगनुर गाय का मूल स्थान आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले का पुंगनुर क्षेत्र है। यह गाय विश्व की सबसे छोटी नस्ल के रूप में जानी जाती है। इसकी औसत ऊँचाई 70 से 90 सेंटीमीटर तथा वजन 110 से 200 किलोग्राम तक होता है। यह गाय कम चारा, कम देखभाल और कठिन परिस्थितियों में भी सहज रूप से जीवित रह सकती है।इसका दूध भले ही 1से 2 लीटर प्रतिदिन ही हो, लेकिन इसमें A2 प्रोटीन की अधिकता होने के कारण यह अत्यंत पौष्टिक और औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है।

पुंगनुर गाय का स्वभाव मृदु, स्नेहिल और मित्रवत होता है, जिससे इसे पालतू सहचर पशु के रूप में भी घरों में पाला जा सकता है।इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर डॉ. बी.पी. भगत ने सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी श्री के.के. पटेल और किसान श्री खगेश्वर यादव को शाल एवं श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि न केवल पत्थलगांव बल्कि पूरे जशपुर जिले के लिए गौरव की बात है। इससे पशु नस्ल सुधार की दिशा में नए रास्ते खुलेंगे।

इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया है कि आधुनिक वैज्ञानिक तकनीकों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में भी पशुधन संवर्धन और उच्च नस्ल प्राप्ति संभव है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *