जंगल की जमीन पर जमीन दलालों की बुरी नजर, आदिवासियों ने मचाया हंगामा
जंगल की जमीन पर जमीन दलालों की बुरी नजर, आदिवासियों ने मचाया हंगामा
पत्थलगांव- पत्थलगांव में जंगल की जमीन पर नाप जोख कर रहे राजस्व अमले को आदिवासियों द्वारा खदेड़े जाने का मामला सामने आया है आदिवासियों का आरोप था की वे सीमांकन के दौरान जंगल की जमीन को निजी भूमि में शामिल कर रहे थे।विदित हो की पत्थलगांव क्षेत्र में जमीन दलाल और राजस्व खिलाड़ी पटवारियों और आर आई की जुगल बंदी किसी से छिपी नहीं है रिहायसी इलाको में जमीन की खरीद फरोक्त में भारी गड़बड़ी के सैकड़ो मामले तहसील कार्यालय में लम्बित है वही अब जमीन दलालो की नजर आदिवासी के जीविकापार्जन वाले वन भूमि पर लग गयी है जिसे लेकर ग्रामीण अब आंदोलित नजर आ रहे है पत्थलगांव के नजदीक ग्राम तिलडेगा के जोराडोल जंगल में जैसे ही सीमांकन करने आरआई और पटवारी का दल खरीददारों के साथ घुसकर नाप जोख करने लगा आदिवासी वर्ग का सैकड़ो लोग वहा पहुंच कर जंगल की जमीन को किसने बेच दिया का आरोप लगाते हुवे हंगामा मचाना शुरु कर दिया, खबर के बाद वन अमले की टीम ने मौके पर पहुंचकर वन भूमि में बगैर अनुमति के नाप जोख पर आपत्ति दर्ज किया तब जाकर वहा से खरीददार और राजस्व दल को बैरंग लौटना पड़ा। ग्रामीणों ने आरोप लगाया की क्षेत्र में जमीन दलालों का बोलबाला चरम पर है जिनके द्वारा राजस्वकर्मियों के साथ मिलीभगत कर आदिवासियों की जमीन के साथ साथ अब वन भूमि का भी सौदा कर कागजी फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक़ तिलडेगा के जोराडोल जंगल से लगा खसरा नंबर 864/1 को पत्थलगांव के सामान्य वर्ग के द्वारा खरीदी किया गया है जब इस जमीन का सीमांकन कार्य किया जाने लगा तो राजस्व दल वहा के जंगल के मुनारा से भी आगे तक जंगल की तरफ नाप जोख करते हुवे जंगल की जमीन को उक्त खसरे की जमीन बता दिया गया, जबकि यह जंगल आदिम काल से स्थापित है जिसकी देख रेख वहा के सैकड़ो आदिवासी ग्रामीणों द्वारा पूर्वज काल से किया जा रहा है।जैसे ही जंगल की जमीन को जबरन सीमांकन किया जाने लगा वहा सैकड़ो आदिवासी ग्रामीणों ने पहुंचकर हंगामा मचाना शुरू कर दिया गया ग्रामीणों ने आरोप लगाया की राजस्व कर्मी और जमीन दलाल उनके पूर्वजो के समय से जिस जंगल से पुराना रिश्ता है। उस रिश्ते को खत्म कर उन्हें जंगल की देख रेख के कार्य से बेदखल करना चाहती है। जिसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।ग्रामीणों ने आरोप लगाया की भू माफियाओ द्वारा वनांचल क्षेत्र में आदिवासियों की जमीन के साथ सटा हुआ शासकीय भूमि सहित आदिवासियों के जमीन को सामान्य जाति से आने वाले व्यक्तियों के नाम पर मोटी रकम लेकर नामांतरण करते हुए सीधा क्रेता के नाम पर नामांतरण किया जा रहा है। रजिस्ट्री से होने वाले राजस्व को भी डकार रहे हैं।यहा की ग्रामीण डोमन,फुलसाय,दुहन ,सहदेव आदि ने बताया की अब जंगल की जमीन पर भी दलालों की नजर पड़ गयी है यदि शासन ने ध्यान नहीं दिया तो जंगल समाप्त हो जायेगा। इस मामले में तहसीलदार उमा सिंग से जानकारी लेने पर उन्होंने जशपुर मीटिंग में होने की वजह से मामले की जानकारी में अन भिज्ञता जताई