गांव की सड़कों पर दिनदहाड़े दौड़ रहे रेत से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉली, रोज हो रहे हादसे,दो नग गोवंश को कुचला, प्रशासन मौन
गांव की सड़कों पर दिनदहाड़े दौड़ रहे रेत से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉली, रोज हो रहे हादसे,दो नग गोवंश को कुचला, प्रशासन मौन
पत्थलगांव – पत्थलगांव के नजदीकी ग्राम सुरेशपुर के रास्ते रेत माफिया वाहनों को निकाल रहे हैं। ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के माध्यम से अवैध परिवहन कर रहे चालक यहा की सडको पर बड़ी तेज गति से धडल्ले पूर्वक ट्रैक्टर चलाते है जिसकी वजह से यहा रोजाना हादसे होते रहते है सोमवार को रेत से लदी ट्रैक्टर ने दो नग गोवंश को अपनी चपेट में ले लिया। इसके बाद गुस्साए गोसेवकों व ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करना शुरू दिया। बता दे इससे पूर्व भी यहा रेत से लदी ट्रैक्टर की चपेट में आने से ग्रामीणों की मौत का भी मामला सामने आ गया है।जिसकी वजह से ग्रामीणों द्वारा इस मार्ग में दौड़ रहे रेत से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉली पर रोक लगाने प्रशासन से गुहार लगाई जा रही है ताकि हादसों पर अंकुश लग सके। गांव से गुजरने वाले ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर रोक लगाने के लिए ग्रामीण कई बार प्रशासन से मांग कर चुके हैं, लेकिन ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का गांव से गुजरना बंद नहीं हो रहा है।रेत माफिया मांड नदी के किनारे में गड्ढे खोदकर रेत उत्खनन कर रहे हैं और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के माध्यम से अवैध परिवहन कर ग्रामीण सड़क पर तेज गति से गुजर रहे हैं। ग्रामीण जब ट्रेक्टर को धीरे चलाने की बात करते है तो कई बार रेत माफिया से विवाद भी हो गया है। रेत माफिया द्वारा किए जा रहे अवैध उत्खनन के कारण गांव में दिनभर रेत से भरे वाहन दौड़ते रहते हैं। जल्दी पहुचने के चक्कर में वाहन चालक गांव में अंदर भी तेज गति से वाहन चलाते हैं। इस कारण दुर्घटना का भय बना रहता है। गांव में दिनभर दौड़ते रेत से भरे वाहनों के कारण लोगों का सड़क पर चलना भी मुश्किल हो गया है। गोरतलब हो की बेहिसाब ट्रैक्टर-ट्राली चलने के कारण इन दिनों इन दिनों सुरेशपुर ग्रामवासियों को भारी परेशानियों का करना पड़ रहा है। कई मर्तबा तो हालात ये हो जाते हैं कि सड़क में पैदल निकलना तक मुश्किल हो जाता है। इस मार्ग में ट्रैक्टर और ट्रालियों से रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन कर बेचने का धंधा तेजी से फल फूल रहा है। इस कार्य में कृषि उपयोग के लिए खरीदे गये ट्रैक्टरों का उपयोग हो रहा है । रेत का अवैध परिवहन करने वाले अधिकांश ट्रैक्टरों में नंबर प्लेट भी नहीं होती है।