Kota-updete:-जनसुनवाई से पहले महावीर-कोलवासरी के खिलाफ…बवाल ग्रामिणो ने खोला मोर्चा।
Kota-updete:-जनसुनवाई से पहले महावीर-कोलवासरी के खिलाफ…बवाल ग्रामिणो ने खोला मोर्चा।
महावीर-कोलवाशरी को गांव व ग्रामीणों के जीवन को तबाह करने नहीं देंगे:-दिलीप अग्रवाल सामाजिक कार्यकर्ता।
ग्राम-पंचायत के एनओसी के बिना निर्माण कार्य कर रहा है महावीर प्रबंधन:-राजेश साहू पूर्व सरपंच।
दिनांक:24/05/2024
मोहम्मद जावेद खान हरित छत्तीसगढ।।
कोटा/तखतपुर:-कोटा तखतपुर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले दो ग्राम पंचायत खरगहनी व पथर्रा के बीच महावीर-कोलवासरी के नए प्लांट लगाने के लिए 11-जून को होने वाली जनसुनवाई से पहले ही महावीर प्रबंधन द्वारा निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है..खरगहनी ग्राम में 01मई मजदूर दिवस को निर्माण कार्य के दौरान एक मजदूर की मौत हो गई थी जिसके बाद ग्रामीणों ने निर्माण कार्य बंद करने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था..जिसके बाद रतनपुर नायब तहसीलदार द्वारा ग्रामीणों की उपस्थिति में पंचनामा कर महावीर प्रबंधन को निर्माण कार्य बंद करने का निर्देश दिया गया था.. मजदूर की मौत हो जाने पर कोटा पुलिस ने मर्ग भी कायम किया था।
बीते बुधवार को ग्रामीणों ने बैठक कर गांव में प्लांट नहीं खुलने देने और कोल वासरी निर्माण बंद कराने की मांग को लेकर जिला कलेक्टोरेट के सामने धरना देने की योजना बनाई..जिला प्रशासन ने तखतपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत पथर्रा और कोटा ब्लॉक के ग्राम पंचायत खरगहनी की सीमा पर महावीर-कोलवासरी के प्लांट लगाने के लिए 11 जून को जनसुनवाई के आयोजन किए जाने की घोषणा की थी..इस घोषणा से पहले ही कोल वासरी खोलने वालों ने रेलवे ट्रैक व अंडरब्रिज से लगी जमीन पर कोल वासरी के निर्माण शुरू कर दिया है..यहां पर रहने वाले ग्रामीणों ने बताया कि कोलवासरी नहीं खुलने देने के विरोध में पहले ही प्रशासन से गुहार लगाई जा चुकी है इसके बाद भी प्रशासन की ओर से यहां कोल वासरी खोलने के लिए जनसुनवाई की तिथि की घोषणा कर दी गई है..बैठक में मौजूद ग्रामीणों ने गांव में ही बैठक आयोजित कर कोलवासरी नहीं खुलने देने पर एकमत होते हुए जिला-कलेक्टर कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया।
ईआईए के रिपोर्ट में कई सारे तथ्य गायब:
जनसुनवाई के लिए बनाई गई ईआईए रिपोर्ट में ऐसे कई तथ्य गायब हो गए हैं..जो बुनियादी-सुविधाओं से जुड़े हैं..जहां पर प्लांट का निर्माण होना है, उसके ठीक सामने ग्राम पथर्रा के ग्रामीणों के निस्तारी का तालाब है..जिसका कोई उल्लेख नहीं है..इसके साथ ही गांव और प्लांट तक पहुंचने के लिए एकमात्र पीएमजीएस वाई सड़क है..जिसकी जानकारी ईआईए रिपोर्ट से गायब है.? रिपोर्ट में बताया दिया गया है..कि खरगहनी और गनियारी हाईवे से प्लांट की दूरी महज 4/5 किलोमीटर है जहा पर प्लांट स्थापित होना है, उससे आवासीय इलाका 02/किलोमीटर दूर है..जबकि गांव से 01 किलोमीटर की दूरी पर प्लांट लगाने की जगह तय की गई है, बाउंड्रीवाल समेत रेलवे ट्रैक के निर्माण कार्य जारी होने व जन सुनवाई से पहले ही कोलवासरी खोलने वाले मालिको ने यहां निर्माण कार्य शुरू कर दिया है..बाउंड्रीवाल समेत रेलवे ट्रैक बिछाने के लिए बेस का बनाने का काम जारी है।
2021 हुई जनसुनवाई निरस्त हो चुकी है:
ग्राम पथर्रा में सन 2021में महावीर कोल वासरी की स्थापना से पहले जनसुनवाई का आयोजन हुआ था जिसमें ग्राम पथर्रा खरगहनी कलमीटार समेत आसपास के एक दर्जन से अधिक गांवों के हजारों ग्रामीणों ने विरोध किया था, जिसके कारण प्रशासन को यह जन सुनवाई निरस्त करनी पड़ी थी कोलवासरी की स्थापना के लिए जिस जगह को कोलवासरी के मालिक खुद की बता रहे हैं..उसमें ग्राम खरगहनी के कोटवार की जमीन समेत अन्य शासकीय जमीन भी शामिल है।
गांव में रहने वाले राजेश कुमार यादव ने बताया कि गांव में 90 फीसदी से अधिक लोग खेती पर ही निर्भर हैं, आय का मुख्य साधन यही है..कोलवासरी के खुलने से कोल डस्ट भारी मात्रा में खेतों और घरों में पहुंचेगा और यहां के खेत बंजर हो जाएंगे तबाह हों जायेंगे साथ ही यहां रहने वालों के आय का साधन छिन जाने से वे भी तबाह हो जाएंगे गांव के राजेन्द्र कुमार साहू ने बताया कि गांव आने जाने के रास्ते में ग्राम घुटकू है, जहां कोलवासरी है वहां रहने वाले अधिकांश लोग कोलवासरी से निकलने वाले कोल डस्ट से दमा और अन्य बीमारियों सेे ग्रसित है..गांव में भी कोलवासरी खुलेगा तो यहां के सभी लोग बीमार होने के साथ अकाल मौत मर जाएंगे।
इस मामले को लेकर हरित छत्तीसगढ ने एसडीएम कोटा युगल किशोर उर्वशा से बात की जिस पर एसडीएम कोटा ने रतनपुर तहसीलदार से मामले की पूरी जानकारी लेने के बाद बात करने की बात कही।