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Kota-Updete:-नगर-पंचायत कोटा का बेजा कब्जा-अभियान हुआ…फुस्स बस-स्टैंड नाका चौंक में बुलडोजर-चलाकर लूटी थी वाहवाही।

Kota-Updete:-नगर-पंचायत कोटा का बेजा कब्जा-अभियान हुआ…फुस्स बस-स्टैंड नाका चौंक में बुलडोजर-चलाकर लूटी थी वाहवाही।

*जिनकी-दुकानें टूटी उनकी पीड़ा आई सामने…गरीब कमजोर तबके के ऊपर चला बुलडोजर…रसूखदारों पर कब चलेगा नगर पंचायत का बुलडोजर।*

*कोटा-हॉस्पिटल प्रवेश द्वार बेजा कब्जे पर प्रशासनिक अधिकारियों की अब तक नही पड़ी नजर-?*

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*दिनांक:-21/11/2023*

 

 

 

*मोहम्मद जावेद खान हरित छत्तीसगढ़।*

 

*करगीरोड-कोटा:-सत्ता बदलते ही कोटा-नगर में कोटा तहसीलदार-थाना प्रभारी मुख्य नगर पंचायत अधिकारी सहित विभागीय अधिकारी-कर्मचारी पूरे दलबल के साथ बेलगहना रोड स्थित अवैध रूप से चल रहे चखना दुकानों पर बुलडोजर चला दिया, शाम होते होते जय स्तंभ नाका चौंक में बेजा कब्जा हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया, उसके अलावा बस स्टैंड मेन रोड में बेजा कब्जा हटाने अभियान चलाया गया, पर पिछले कुछ दिनों से नगर पंचायत कोटा द्वारा बेजा कब्जा हटाने का कार्य बंद कर दिया गया है,शासकीय अवकाश व त्यौहार के बाद एक बार पुनः से बेजा कब्जा हटाने की प्रक्रिया शुरू किए जाने की सूत्रों के हवाले से हरित छत्तीसगढ़ को प्राप्त हुई है।

 

*कोटा-हॉस्पिटल के प्रवेश द्वार पर बेजा कब्जे पर प्रशासनिक अधिकारियों की नही पड़ी नजर:–*

 

 

*पूरे नगर में बेजा कब्जा हटाने की प्रक्रिया जोर शोर से जारी है, पर नगर पंचायत कार्यालय के बगल में ही सामुदायिक स्वास्थ केंद्र के प्रवेश द्वार पर बेजा कब्जा बेजा कब्जे पर प्रशासनिक अधिकारियों की अब तक नजर नही पड़ रही है-?अवैध रूप से बेजा कब्जाधारी डेयरी उत्पाद सहित पान मसाला बेचने वाले संचालक के खिलाफ नगर पंचायत अधिकारी सहित हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा कार्यवाही नही किया जाना बहुत से सवालों को जन्म देता है-? इससे पूर्व बेजा कब्जाधारी डेयरी संचालक द्वारा एडीबी के सड़क निर्माण के समय मुआवजा राशि भी प्राप्त किये जाने की जानकारी प्राप्त हो रही है-?क्या डेयरी संचालक को किसी राजनीतिक दल के नेताओं का वरदान प्राप्त है-? या फिर प्रशासनिक-अधिकारियों का आशिर्वाद प्राप्त है-?नगर के छोटे दुकानदारों व कुछ जागरूक नगरवासियों ने आरोप लगाया कि बेजा कब्जा अभियान हटाने के दौरान प्रशासनिक-अधिकारियों द्वारा रसूख देखा जा रहा है-? नियम कानून केवल गरीब कमजोर तबके के लिए ही है, बड़े रसूखदारों के लिए नही, आगे देखना होगा कि बेजा कब्जा हटाने की प्रक्रिया का नियम कानून का पालन सभी के लिए लागू होता है, या फिर आरोप लगाने वाले छोटे दुकानदारो की बाते सही है, इस पूरे अभियान के दौरान हरित छत्तीसगढ़ की पैनी नजर बनी रहेगी।*

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