महात्मा गांधी नरेगा दे रहा ग्रामीण अधोसंरचना को नई दिशा
रायपुर,
ग्राम पंचायत की बेहतर कार्यप्रणाली के लिए एक सुव्यवस्थित कार्यालय भवन अत्यंत आवश्यक होता है। यह न सिर्फ पंचायत व्यवस्था का केंद्र है, बल्कि ग्रामीणों की रोजमर्रा की जरूरतों से जुड़ा एक महत्वपूर्ण स्थान भी है। कोरिया जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) ने इस दिशा में उल्लेखनीय कार्य करते हुए ग्रामीण अधोसंरचना विकास को नई गति दी है।
रोजगार के साथ अधोसंरचना निर्माण का मजबूत आधार
मनरेगा ने अकुशल श्रम को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ-साथ ग्रामीण आजीविका में स्थायी सुधार लाने का रास्ता खोला है। अधोसंरचनाओं के विकास में यह योजना अब ग्रामीण प्रगति की रीढ़ बन चुकी है। इसी प्रयास का परिणाम है कि जनपद पंचायत सोनहत और बैकुण्ठपुर में पिछले एक दशक में 45 नए ग्राम पंचायत कार्यालय भवन बनाए गए हैं, जिससे पंचायती राज व्यवस्था और अधिक सुव्यवस्थित हुई है और ग्रामीणों को सुविधाएं और आसानी से मिलने लगी हैं।
सुविधाओं से लैस आधुनिक ग्राम पंचायत कार्यालय
नए निर्मित कार्यालय भवनों में जनप्रतिनिधियों, सचिव और रोजगार सहायक के लिए अलग कक्ष, बैठकों और ग्राम सभा संचालित करने की व्यवस्था, दस्तावेजों के संधारण की सुरक्षित सुविधा है। इन व्यवस्थाओं से ग्रामीणों के कार्य समय पर निपट रहे हैं, संवाद बेहतर हुआ है और पंचायत स्तर पर कार्यशैली अधिक पारदर्शी व सुगम बनी है।
महात्मा गांधी नरेगा के तहत कोरिया जिले में कुल 45 नए ग्राम पंचायत कार्यालय भवन निर्मित किए गए हैं। सोनहत व बैकुंठपुर जनपद पंचायत में 45 भवन, 5 करोड़ 96 लाख रूपए से अधिक की लागत से तैयार की गई है। सभी निर्माण कार्य ग्राम पंचायतों के माध्यम से कराए गए, जिससे गुणवत्ता, स्थानीय सहभागिता और लागत की पारदर्शिता सुनिश्चित हुई।
