ग्रीष्मकालीन धान की जगह अब गेहूं, चना, उड़द और मक्का की ओर किसानों का रुख

भू-जल स्तर बचाने और लागत घटाने के लिए कृषि विभाग चला रहा जागरूकता व बीज वितरण अभियान

रायपुर, 21 नवम्बर 2025

जीपीएम जिले में कृषि विभाग रबी मौसम की खेती को बढ़ावा देते हुए किसानों को ग्रीष्मकालीन धान की जगह अन्य लाभदायक फसलें लेने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। विभाग द्वारा किसानों की बैठकों के माध्यम से उन्हें जागरूक किया जा रहा है और उनकी सहमति के अनुसार अनुदान पर बीज वितरण भी किया जा रहा है।

उप संचालक कृषि, सत्यजीत कंवर ने बताया कि ग्रीष्मकालीन धान के लिए अत्याधिक पानी की आवश्यकता होती है, जिससे भू-जल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है। गर्मी के मौसम में पेयजल संकट से बचने तथा किसानों की आमदनी सुरक्षित रखने के उद्देश्य से विभाग द्वारा वैकल्पिक फसलों जैसे गेहूं, चना, उड़द और मक्का की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।

पांच ग्रामों में किसानों ने जताई सहमति

श्री कंवर ने बताया कि गुरुवार को ग्राम बारीउमराव, टंगियामार, कुदरी, कड़कई और गांजन में किसानों के साथ बैठकें आयोजित की गईं। इन गांवों के किसानों ने कुल 116 हेक्टेयर रकबे में ग्रीष्मकालीन धान की जगह अन्य फसलें बोने पर सहमति व्यक्त की है।

जिले के सभी गांवों में चलेगा अभियान

कृषि विभाग द्वारा यह अभियान जिले के सभी गांवों में संचालित किया जा रहा है। ग्राम अमरपुर, पतगंवा और लटकोनी में किसानों का चयन कर लिया गया है और जल्द ही उनकी मांग के अनुसार बीज वितरण प्रारंभ किया जाएगा। विभाग का उद्देश्य अधिक उत्पादन, कम लागत और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण को एकसाथ बढ़ावा देना है।

किसानों को मिला नई सोच का संदेश

कृषि विभाग की यह पहल न केवल पानी के संरक्षण में मददगार बनेगी बल्कि किसानों को स्थायी कृषि पद्धति अपनाने के लिए भी प्रेरित करेगी। अधिकारियों का कहना है कि जागरूकता ही स्थायी खेती की दिशा में सबसे पहला कदम है, और जिले के किसान इस दिशा में उत्साहपूर्वक आगे बढ़ रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *