बिहान से गनेशी बाई आत्मनिर्भरता की राह पर

पशुपालन कर बनीं लखपति दीदी, 3 लाख से अधिक की सालाना आय

रायपुर, पशुपालन कर बनीं लखपति दीदी, 3 लाख से अधिक की सालाना आय

कोण्डागांव जिले के जनपद पंचायत बड़ेराजपुर विकासखंड के ग्राम बस्तरबुड़ा की निवासी श्रीमती गनेशी मरकाम ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) से जुड़कर पशुपालन के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। गनेशी मरकाम आज ‘लखपति दीदी‘ के रूप में अपनी नई पहचान बना चुकी हैं।

गनेशी मरकाम गायत्री महिला स्व-सहायता समूह की सक्रिय सदस्य हैं। समूह के माध्यम से उन्होंने मक्का की खेती, बकरी पालन और सूकर पालन को आजीविका का माध्यम बना कर अपने आर्थिक और सामाजिक जीवन में बड़ा परिवर्तन लाया है। इन गतिविधियों से उन्हें लगभग 3.56 लाख रुपये तक की वार्षिक आय हो रही है। उन्होंने बताया कि समूह में जुड़ने से पहले वे अपने परिवार के साथ कृषि कार्य, मजदूरी और सीमित बकरी पालन कर अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करती थीं और उस समय परिवार का वार्षिक आय मात्र 66 हजार रुपये थी। बिहान से जुड़ने के बाद समूह के जरिए 15 हजार रुपये आरएफ राशि, 60 हजार रुपये सीआईएफ राशि और ऋण के रूप में सहयोग प्राप्त हुआ। 

गनेशी ने बकरी पालन का व्यवसाय दो बकरियों से शुरुआत किया था और आज 200 से अधिक बकरियां उनके बाड़े में हैं साथ में सूकर पालन (संख्या 10) भी शुरू किया। मेहनत और नियमित देखभाल से उनकी आय लगातार बढ़ती गई और वर्तमान में वे करीब तीन लाख रुपये वार्षिक आय अर्जित कर रही हैं। इन गतिविधियों से न केवल वे आत्मनिर्भर बनी हैं, बल्कि पूर्व आय की तुलना में चार गुना अधिक आय प्राप्त कर रही हैं। उन्होंने बकरियों के देखभाल करने के लिए एक व्यक्ति को रोजगार भी दे रही है। आज गनेशी का परिवार की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होने के साथ सामाजिक जीवन में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।  

केंद्र एवं राज्य शासन की मंशा अनुरूप राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की टीम द्वारा ऐसे समूहों और महिला सदस्यों को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर सहायता और मार्गदर्शन प्रदान किया जा रहा है, जिससे वे विभिन्न आजीविका गतिविधियों से जुड़कर स्वयं आत्मनिर्भर हो सकें और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ कर सकें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *