कृषा का कुपोषण से सुपोषण तक का सफर

महिला एवं बाल विकास विभाग, दुर्ग के कुपोषण मुक्ति अभियान से ग्राम गनियारी की ढाई वर्षीय कृषा ठाकुर को नया जीवन मिला है। पहले मध्यम कुपोषित रही कृषा अब सामान्य पोषण श्रेणी में आ गई है।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मिथिलेश देवदास द्वारा की गई गृहभेंट में पाया गया कि कृषा बाजार के पैकेट वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कर रही थी। परिवार को पोषणयुक्त भोजन की सलाह दी गई और डाइट चार्ट का पालन करने को कहा गया। चार माह की सतत निगरानी और बाल संदर्भ योजना के सहयोग से कृषा का वजन 9.2 से बढ़कर 10.2 किलोग्राम हो गया। इस सफलता से प्रेरित होकर एक अन्य कुपोषित बालक मितांशु की मां ने भी पोषण संबंधी उपाय अपनाए हैं। जिला अधिकारी अजय कुमार साहू ने बताया कि नियमित गृहभेंट और जागरूकता से कुपोषण से लड़ना संभव है। कृषा की कहानी अब पूरे जिले के लिए प्रेरणा बन गई है।

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