FIR में देरी नहीं चलेगी, 90 दिन में तय होंगे आरोप,नागरिको को बताये नए आपराधिक कानून
FIR में देरी नहीं चलेगी, 90 दिन में तय होंगे आरोप,नागरिको को बताये नए आपराधिक कानून
पत्थलगांव- पत्थलगांव थाना में सोमवार को तीन नए प्रमुख आपराधिक कानूनों के संबंध में कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस दौरान आमजनों को नए कानूनों के संबंध में जानकारी दी गई. इस मौके पर सहायक लोक अभियोजन अधिकारी सौरभ सौम्य जैन , थाना प्रभारी विनीत पांडे , अधिवक्ता पत्रकार सहित आमजन मौजूद रहे. इस दौरान सहायक लोक अभियोजन अधिकारी सौरभ सौम्य जैन ने भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को कानून न्याय, पारदर्शिता और निष्पक्षता पर आधारित बताते हुवे अधिवक्ता ,पत्रकार ,जन प्रतिनिधियों, आम जनों, पुलिस विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को जानकारी दी गई.श्री जैन ने बताया की यह कानून लागू होने 1 जुलाई से पहले के दर्ज किए गए मामले के अंतिम निपटारे तक उन मामलों में पुराने कानूनों के तहत मुकदमा चलता रहेगा। उन्होंने कहा कि एक जुलाई 2024 से देश भर में नए आपराधिक कानून लागू हो रहे हैं. 1860 की जो भारतीय दंड संहिता थी, उसकी प्रासंगिकता अब इसलिए नहीं रह गई है, क्योंकि इतने सालों के बाद अपराध के तरीके में काफी बदलाव आया है. इसमें तकनीक का इस्तेमाल बढ़ा है. लॉर्ड मैकाले का बनाया कानून दंड के सिद्धांत पर आधारित था, जबकि भारतीय न्याय संहिता वास्तव में न्याय के सिद्धांत पर आधारित है.
अब साल 1860 में बने आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता लागू होगी. इसके अलावा 1898 में लाए गए सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और 1872 के इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई होगी. सीआरपीसी में कुल 484 धाराएं थीं. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 531 धाराएं हैं.
इस मौके पर थाना प्रभारी विनीत पांडे ने बताया की नए कानून लागू होने के बाद आम लोगों के पास पुलिस की पहुंच आसान होगी।