
जशपुर। छत्तीसगढ़ शासन की स्थानांतरण नीति 2025 के तहत वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग में व्यापक तबादले किए गए थे। इसी क्रम में 31 जुलाई 2025 को जारी आदेश क्रमांक ESTB 102(2)/331/2025-FOREST के अंतर्गत जशपुर वनमंडल के परिक्षेत्र अधिकारियों का भी स्थानांतरण किया गया था।आदेशानुसार, परिक्षेत्राधिकारी कांसाबेल श्रीमती प्रभावती चौहान को दुलदुला परिक्षेत्र का दायित्व सौंपा गया है, जबकि परिक्षेत्राधिकारी तपकरा सुश्री आकांक्षा लकड़ा का तबादला बलरामपुर किया गया है। किंतु विडंबना यह है कि जिन अधिकारियों को जशपुर जिले में स्थानांतरित किया गया है, वे अब तक पदभार ग्रहण करने नहीं पहुंचे हैं।

परिणामस्वरूप न तो पुराने अधिकारियों को भारमुक्त किया जा सका है और न ही नए अधिकारियों ने कार्यभार संभाला है।राज्य शासन ने निर्देश दिए थे कि सभी स्थानांतरित अधिकारियों को 10 दिनों के भीतर अनिवार्य रूप से भारमुक्त किया जाए, लेकिन समय सीमा बीत जाने के बाद भी आदेशों का पालन नहीं हुआ।कर्मचारी संगठन से जुड़े लोगों का कहना है कि यह स्थिति शासन की स्थानांतरण नीति की उपेक्षा एवं उल्लंघन को दर्शाती है। इससे न केवल प्रशासनिक व्यवस्था प्रभावित हो रही है बल्कि विभागीय कार्यों में भी अनावश्यक जटिलताएं पैदा हो रही हैं।अब देखना यह होगा कि शासन स्तर से कब तक सख्ती बरती जाती है और स्थानांतरण नीति को वास्तविक रूप में लागू कराया जाता है।जशपुर वन मंडलाधिकारी शशि कुमार ने बताया कि रिलीवर नहीं आने की वजह से भारमुक्त नहीं किया जा सका है।
