एक्सिस बैंक एटीएम लाखों का गबन मामला, तीन आरोपियों को मिली 6 वर्ष की सजा, पत्थलगांव न्यायालय ने सुनाई सजा,
एक्सिस बैंक एटीएम में राशि डालने के नाम पर लाखों का गबन करने वाले आरोपियों को मिली सजा, पत्थलगांव न्यायालय ने सुनाई सजा,
विद्वान न्यायाधीश वर्ग 1 श्री उमेश कुमार भागवतकर ने सुनाया फैसला ,,
पत्थलगांव — पत्थलगांव के बहुचर्चित एक्सिस बैंक के एटीएम में रकम डालने के मामले में 36 लाख 86 हजार दो सौ रुपए का गबन करने वाले आरोपियों को पत्थलगांव न्यायालय ने सजा सुनाई है ।।
प्रकरण का फैसला करते हुए पत्थलगांव व्यवहार न्यायालय के न्यायाधीश वर्ग 1 श्री उमेश कुमार भागवतकर ने आरोपी हेमानंद यादव,देवचरण यादव,प्रवीण चौहान को 420(34),409(34) के आरोप में दोषी पाते हुए पृथक पृथक से 3-3 साल की सजा सुनाई है एवं साथ ही 10-10 हजार के अर्थदंड से भी दंडित किया है । अभियोजन के ओर से सहायक लोक अभियोजक सौरभ समैया ने पैरवी की
प्राप्त जानकारी अनुसार प्रार्थी जयप्रकाश सोनवानी ने पत्थलगांव थाना में रिपोर्ट दर्ज कराया कि हेमानंद यादव एवं देवनारायण यादव को कर्मचारी नियुक्त किया गया था जो सिक्योर वैल्यू इंडिया कंपनी के कर्मचारी थे जो एटीएम में राशि लोडिंग और डिपॉजिट का कार्य करते थे जिन्होंने दिनांक 5 जुलाई 2023,11 जुलाई 2023,12 जुलाई 2023,13 जुलाई 2023 को एक्सिस बैंक एटीएम में रुपए लोडिंग हेतु पासवर्ड लिया एवं 5 जुलाई 2023 को ही कम्पनी को रुपयों की लोडिंग की ओके रिपोर्ट भी दे दी लेकिन दिनांक 11,12 एवं 13 जुलाई को एटीएम हुई लोडिंग को रद्द होने की सूचना देकर आरोपियों ने अपने मोबाइल बंद कर दिए । जिसके बाद जब बैंक के अधिकारियों ने एटीएम मशीन की जांच की तो पता चला कि एटीएम में 36 लाख 86 हजार 200 रूपए कम हैं जिसके बाद उन्होंने पत्थलगांव थाने में मामले की शिकायत की जहां पुलिस ने प्रकरण में दोनों आरोपी हेमानंद,देवनारायण के अलावे प्रकरण में भूमिका निभाने वाले अन्य आरोपी प्रवीण चौहान के खिलाफ भी धारा 420(34)एवं 409(34) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया और गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया ।
पूरे प्रकरण के फैसले में माननीय न्यायाधीश उमेश कुमार भागवतकर ने फैसला करते हुए आरोपियों का दोषसिद्ध करते हुए पाया कि आरोपी कंपनी के कर्मचारी होते हुए राशि लोडिंग एवं डिपॉजिट के दौरान लोक सेवक के नाते अथवा बैंकर,व्यापारी, फैक्टर,दलाल,अभिकर के रूप में अपने कारोबार के अनुक्रम में अन्य आरोपीगण के साथ मिलकर उसके अग्रसरण में उनको न्यस्त संपत्ति 3686200 रुपये का राशि गबन कर आपराधिक न्यास भंग कर उक्त कार्य करने के दौरान बेईमानी से उत्प्रेरित कर छलपूर्वक 3686200 रुपए प्राप्त किया । जिससे धारा 420(34) में 3 साल का कारावास एवं 10000 रुपए का अर्थदंड एवं 409(34) में तीन वर्ष का कारावास एवं 10000 रुपए का अर्थदंड की सजा सुनाई है साथ ही अर्थदंड न देने पर पृथक से 6 माह का कारावास भी भुगतना होगा ।।