Chhattisgarh

Kota-Updete:-रेलवे प्रशासन की कुंभकर्णी नींद से नगर सहित आसपास के ग्रामीण जन…हलाकान।-

Kota-Updete:-रेलवे प्रशासन की कुंभकर्णी नींद से नगर सहित आसपास के ग्रामीण जन…हलाकान।-

पुराने ट्रेनों के ठहराव जर्जर-सड़क अंडरब्रिज में पानी भर जाना रेलवे स्टेशन का शेड यात्री सुविधाओं का टोटा।

 

आने वाले नगरीय निकाय चुनाव पंचायत चुनाव से पूर्व एक बार फिर से आंदोलन की गूंज सुनाई देगी।

neeraj,harit,

*दिनांक:-10/07/2024*

मोहम्मद जावेद खान हरित छत्तीसगढ।।

*करगीरोड़-कोटा:-मिडिया में छपी खबर के बाद भी रेलवे का पूरा प्रशासन अभी भी कुंभकर्णी नींद से नही जागा..रेलवे के आधीन आने वाले रेलवे स्टेशन से रतनपुर मार्ग से पहले मुक्तिधाम अंडरब्रिज तक जर्जर सड़क के बड़े-बड़े गड्ढों की मिडिया में छपी खबर पर आमजनो सहित फेक्ट्री में कार्य करने वाले कर्मचारियों को आने जाने में परेशानी को देखते हुए पाटिल इंफ्रा.रायल के जीएम ने सड़को के बड़े गड्ढों को पाटने के लिए फैक्ट्री के माध्यम से कार्य किया जा रहा है..रेलवे स्टेशन से अंडरब्रिज मुक्तिधाम तक पहुंच मार्ग ऊबड़-खाबड़ सहित गड्ढों से भरे पड़े हुए है।

समस्याओं से जूझ रहा है करगीरोड रेलवे स्टेशन:-

*पिछले कई वर्षो खासकर कोविड के बाद से करगीरोड़ रेलवे स्टेशन में रुकने वाली पैसेंजर एक्सप्रेस यात्री ट्रेने हो-? रेलवे स्टेशन के शेड से टपकता पानी हो-? या रेलवे का बड़ा नाला हो-? बड़े बड़े गड्ढों से जर्जर कोटा रतनपुर मुख्य मार्ग हो या-? फिर रेलवे द्वारा निर्मित अंडरब्रिज हो झमाझम बारिश से पूरा अंडरब्रिज तालाब में तब्दील हो जाता है-?जिसमे से गुजरने वाले वाहन व आमजन तैरकर निकलते है-?एक से बढ़कर एक समस्याओं से करगीरोड़ स्टेशन घिरा हुआ है..रेलवे जोन के डीआरएम हो या फिर सांसद मंत्री महोदय के करगीरोड़-रेलवे स्टेशन प्रवास पर रेलवे स्टेशन आपको चकाचक दिखाई देगा..सारी समस्या प्रवास के दौरान ही आमफट् हो जाती है,पर प्रकृति का स्वरूप होता है आपकी कमी को बाहर निकाल देती है, बुनियादी समस्या जो की अब रेलवे स्टेशन के आसपास दिखाई देने लगी है।*

मंत्री जी या फिर उच्च अधिकारियो के आगमन पर ही जागते जन प्रतिनिधि:-

*कोटा-नगर व कोटा विधानसभा से जुड़े जनप्रतिनिधि जिसमे की स्वयं विधायक व उनके प्रतिनिधि स्वयं सांसद व उनके प्रतिनिधी नगर पंचायत,जनपद पंचायत ग्राम पंचायत, के अंतर्गत आने वाले जनप्रतिनिधि को इलाके की बुनियादी समस्या तभी दिखाई देती है..जब कोई मंत्री या बड़े अधिकारियों का कोटा प्रवास होता है,कोटा के अधिकतर जनप्रतिनिधियों को ये तक नही पता की पिछले 02 वर्षो से ट्रेनों के स्टॉपेज के लिए किए गए जनांदोलन में अब तक कितनी ट्रेनों का ठहराव हो चुका है-? कितने और ट्रेनों का ठहराव बाकी है-? 08-यूवा वर्ग जिसमे से 01-शुभम गुप्ता की मृत्यु हो चुकी है..बाकी 07 जो की आज भी रेलवे कोर्ट के चक्कर लगा रहे है..02वर्षो से पेशी दौड़ रहे हैं, ये पूरा जनांदोलन इन युवाओं का ही नही था..पूरा नगर पूरे विधानसभा क्षेत्र के लोगो का था..नगर-संघर्ष समिति के बैनर तले हजारों की संख्या में लोग इस जनांदोलन में शामिल हुए थे..जिसमे की राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधि अधिवक्ता संघ, प्रेस क्लब कोटा, मजदूर संघ, रिक्शा आटो चालक संघ, समाज प्रमुख, व्यापारी संघ, समाजिक संस्था, छात्र संघ,दैनिक यात्री संघ के साथ साथ अन्य वर्गो का भी समर्थन प्राप्त था.. लोकतांत्रिक तरीके से किए इस जनांदोलन में किसी भीं प्रकार की कोई अप्रिय घटना जिसमे जानमाल का नुकसान हुआ हो-?रेलवे की संपत्ति को नुकसान हो-? कुछ भी ऐसा वाकया नही होने के बावजूद आठों यूवा एक अपराधी की तरह रेलवे-कोर्ट के चक्कर काट रहे है।*

*पिछले कुछ दिनों पूर्व बिलासपुर-सांसद व शहरी विकास राज्यमंत्री तोखन साहू रेलमंत्री से मुलाकात कर करगीरोड-रेलवे स्टेशन सहित सलका बेलगहना, टेंगनमाडा-खोंगसरा, में कोविड से पूर्व रुकने वाली ट्रेनों के ठहराव के लिए पत्र प्रेषित किया गया था, जिससे उम्मीद लगाई जा रही है..की आने वाले कुछ दिनों में बचे हुए बाकी यात्री ट्रेनों का ठहराव सुनिश्चित हो जाएगा..पाठको को बताते चले कोविड से पूर्व रुकने वाली यात्री ट्रेनों का ही ठहराव होगा..कोई भी नई ट्रेनों का नही आने वाले दिनों में नगर-संघर्ष-समिति के द्वारा बिलासपुर सांसद व शहरी-विकास राज्यमंत्री तोखन साहू को जनहित में किए गए इस जनांदोलन में अपराध-पंजीबद्ध किए गए आठों-युवाओं के भविष्य को देखते हुए इनके कोर्ट केस को जनहित में वापस लेने के लिए एक पत्र प्रेषित किया जाएगा।*neeraj,harit,

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