धान खरीदी केंद्रों पर महिला किसानों की सशक्त भागीदारी

धान खरीदी केंद्रों पर महिला किसानों की सशक्त भागीदारी

समर्थन मूल्य पर जारी धान खरीदी के दौरान धान खरीदी केंद्रों पर महिला किसानों की मौजूदगी लगातार देखने को मिल रही है। महिलाएं बड़ी संख्या में उपार्जन केंद्रों पर पहुंचकर धान विक्रय कर रही हैं। इससे यह स्पष्ट है कि शासन की किसान हितैषी नीतियों का लाभ अब सीधे महिला किसानों तक पहुंच रहा है।

बिलासपुर जिले के नवाडीह की महिला किसान श्रीमती शकुंतला धीवर ने बताया कि वे 63 कट्टी धान लेकर सीपत धान खरीदी केंद्र पहुंचीं। उन्होंने कहा कि टोकन प्राप्त करने से लेकर धान की तौल तक की पूरी प्रक्रिया सरल और पारदर्शी रही तथा केंद्र में बारदाने की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई थी। इसी प्रकार पंधी गांव से जांजी धान खरीदी केंद्र पहुंचीं महिला किसान श्रीमती लक्ष्मी ने 100 कट्टी धान का विक्रय किया और बताया कि खरीदी प्रक्रिया के दौरान उन्हें किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ा।

महिला किसान श्रीमती सुनसुन बी ने 180 कट्टी धान बेचते हुए कहा कि धान खरीदी केंद्र में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं और समय पर तौलाई हो रही है। वहीं जांजी धान खरीदी केंद्र में 100 कट्टी धान लेकर पहुंचीं महिला किसान श्रीमती सीमा ने भी केंद्र की व्यवस्थाओं की सराहना की।

धान खरीदी प्रक्रिया को अधिक सुगम और किसान हितैषी बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई ‘टोकन तुहर हाथ’ मोबाइल ऐप व्यवस्था का प्रभाव जमीनी स्तर पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। इस व्यवस्था के माध्यम से किसानों को 24 घंटे ऑनलाइन टोकन काटने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जिससे उन्हें टोकन के लिए उपार्जन केंद्रों के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे हैं।

ऑनलाइन एवं ऑफलाइन टोकन व्यवस्था के चलते धान खरीदी केंद्रों में भीड़ में कमी आई है। किसान निर्धारित समय पर केंद्र पहुंचकर सहजता से धान का तौल और विक्रय कर पा रहे हैं। त्वरित तौल, समयबद्ध खरीदी, पारदर्शी प्रक्रिया तथा प्रशासन की सतत निगरानी के परिणामस्वरूप किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य समय पर प्राप्त हो रहा है। यह व्यवस्था व्यवस्थित धान खरीदी के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रही है।

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