Chhattisgarh

शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण का किया गया जबरजस्त विरोध 

शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण का किया गया जबरजस्त विरोध

 

अब नई सहिबो अपन हक लेकर रहिबो

दिनांक 22.08.2024 को युक्तियुक्त करण नियम के विरोध में स्थानीय प्रेमा बाग प्रांगण में पूरे जोशो खरोश के साथ एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन सह ज्ञापन का आयोजन किया गया

 

जिसमे शिक्षक मोर्चा के छत्तीसगढ़ टीचर एसोसिएशन , छ ग समग्र शिक्षक फेडरेशन, नवीन शिक्षक संघ,शालेय शिक्षक संघ और भारी संख्या में शिक्षकों के द्वारा सम्मिलित रूप से विरोध प्रदर्शन किया गया

ज्ञात हो कि जब जब शिक्षक हित की बात आई है सभी शिक्षक संगठनों ने एक साथ एक स्वर में क्रांति का बिगुल फूका है

शिक्षक संघ के चारो जिलाध्यक्ष वीरेंद्र तिवारी,विश्वास भगत,विजेंद्र नाथ यादव, हरिकांत अग्निहोत्री ने आवाज बुलंद करते हुए कहा कि

आज शिक्षक मोर्चा में चारो शिक्षक संगठन सम्मिलित होकर एक विशाल समुद्र का निर्माण कर चुके है और क्रांति की मशाल को थामे रखे है

अब शासन के पास हमारी मांगों को मानने के अलावा और कोई विकल्प शेष नहीं है क्योंकि जब जब शिक्षक अपने हक अधिकार के लिए सड़क पर उतरा है शासन सत्ता को झुकना ही पड़ा है क्योंकि शिक्षक कभी साधारण नही होते प्रलय और निर्माण उनकी गोदी में खेला करते है और आज युक्तियुक्तकरण के बहाने शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने की जो साजिश रची जा रही है उसे हम कभी सफल नहीं होने देंगे , पूर्व में प्रायमरी स्कूलों में पांच कक्षाओं के लिए 1 हेडमास्टर और 2 शिक्षको का सेटअप था वह भी पर्याप्त नहीं था और आज शासन शिक्षकों की संख्या बढ़ाने के बजाय उल्टा कम कर रहा है जिसके तहत अब प्रायमरी स्कूलों में कक्षा पांच तक के लिए 1 हेडमास्टर और केवल 1 शिक्षक रखने का सेटअप जारी किया है जो शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह से चौपट कर देने वाला है इसी सेटअप को उन्होंने युक्तियुक्तकरण का नाम दिया है साथियों जो कि न तो विद्यार्थियों के हित में है न समाज के और न ही आने वाली पीढ़ी के

आगे के अपने उदबोधन में उन्होंने कहा कि यह सरकार समाज को राज्य को 200 साल पीछे धकेल देना चाहती है ,शिक्षक सोचते थे कि नई भर्ती करके विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या बढ़ाई जाएगी किंतु यह क्या 1 हेडमास्टर 1 शिक्षक 60 बच्चे और पांच कक्षा और 18 विषय

ये सरासर नाइंसाफी है जिसे समाज और शिक्षक कभी स्वीकार नहीं करेगा

 

Nep जिसे नई शिक्षा नीति कहा जाता है उसमे स्पष्ट कहा गया है कि प्राथमिक स्तर की शिक्षा जो की बुनियाद है नींव है उसे मजबूत किया जाएगा जिससे कि एक मजबूत इमारत अर्थात शिक्षित नागरिक तैयार हो सके किंतु वर्तमान में जारी युक्तियुक्तकरण की नीति nep नई शिक्षा नीति के नियमों का पालन नहीं कर रही

हम शिक्षक गण इस त्रुटिपूर्ण विसंगति पूर्ण नियमो का विरोध करते है और मांग करते है कि जल्द से जल्द इस युक्तियुक्तकरण नीति को वापस लिया जाए यदि हमारी मांगे नहीं मानी गई तो शिक्षक हित के लिए उनके हक व अधिकार के लिए शिक्षक मोर्चा के द्वारा आंदोलन को और भी बड़े स्तर पर अनिश्चित कालीन भी किया जाएगा ।

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