बड़ी खबर: स्थगित हुआ युक्तियुक्तकरण, शिक्षक संघर्ष मोर्चा की मांग पर लगी मुहर,युक्तियुक्तकरण के पहले पदोन्नति देने की रखी थी मांग: सरकार का निर्णय स्वागतेय*
*🌀बड़ी खबर: स्थगित हुआ युक्तियुक्तकरण, शिक्षक संघर्ष मोर्चा की मांग पर लगी मुहर,युक्तियुक्तकरण के पहले पदोन्नति देने की रखी थी मांग: सरकार का निर्णय स्वागतेय*🌀
*🌀कल ही शिक्षा सचिव के साथ शिक्षक संगठनों की हुई बैठक में युक्तियुक्तकरण के निर्देशों का हुआ था कड़ा विरोध और 9 सितंबर को प्रांतव्यापी आंदोलन की थी तैयारी*🌀
छग शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रांतीय संचालक वीरेंद्र दुबे ने बताया कि विश्वस्त सूत्र से ज्ञात हुआ है कि प्रदेश में युक्तियुक्तकरण की जो प्रक्रिया चल रही थी उसे शिक्षा विभाग ने स्थगित कर दिया है, जिसका हम स्वागत करते हैं और उम्मीद करते हैं कि भविष्य में भी इस तरह की विभागीय सेटअप से छेड़छाड़ कर शिक्षा व्यवस्था को चरमराने वाली कोई भी नीति विभाग द्वारा नही लाई जाएगी। उल्लेखनीय है कि शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी के द्वारा आहूत बैठक में छग शिक्षक संघर्ष मोर्चा के सभी प्रान्त संचालक वीरेंद्र दुबे,संजय शर्मा, मनीष मिश्रा, विकास राजपूत, तथा प्रांतीय उपसंचालक धर्मेश शर्मा,चन्द्रशेखर तिवारी,जितेंद्र शर्मा,अब्दुल आसिफ खान,मनोज सनाढ्य, सुधीर प्रधान आदि सम्मलित रहे और समवेत स्वर में युक्तियुक्तकरण के जारी निर्देशों का कड़ा विरोध कर तत्काल इसे स्थगित करने की मांग की थी।
छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने इस प्रक्रिया का विरोध करते हुए चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत कर दी थी। जिसमे मुख्यमंत्री, शिक्षा सचिव,और DPI संचालक के नाम कलेक्टर,जिलाशिक्षाधिकारी को ज्ञापन दिया गया था। दूसरे चरण में सभी मंत्री,सांसद और विधायकों को ज्ञापन सौंपकर युक्तियुक्तकरण के जारी निर्देशो से होने वाले नुकसान के बारे में अवगत कराया था। इसी सिलसिले में शिक्षक संघर्ष मोर्चा द्वारा उपमुख्यमंत्री व गृहमंत्री विजय शर्मा से मुलाकात कर मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया गया था, तो उन्होंने शिक्षा सचिव को तत्काल फोन लगाकर मोर्चा के साथ बैठकर समाधान निकालने का निर्देश दिया था इसी परिपेक्ष में कल मंत्रालय में शिक्षक संगठनों की बैठक सम्पन्न हुई जिसका परिणाम आज निकल कर सामने आया कि विभाग ने फिलहाल युक्तियुक्तकरण को स्थगित कर दिया है।मोर्चा संचालको ने इस निर्णय हेतु छग शासन का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि भविष्य में भी इस तरह के अव्यवहारिक निर्णयों से विभाग को दूर रखेगी।